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Faridabad NCR

गरीबों के आशियानों को उजाड़ कर साबित हो गया कि मोदी और खटटर की करनी और कथनी में अंतर है: विजय प्रताप सिंह 

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 2 अप्रैल। वीरवार को जमाई कालोनी और शुक्रवार को सूरजकुंड स्थित खोरी क्षेत्र में नगर निगम प्रशासन ने तकरीबन 100 एकड़ जमीन पर भारी पैमाने पर तोडफोड़ की। इसके लिए नगर निगम प्रशासन ने 9 जेसीबी, 10 एसीपी एवं नगर निगम के 3 संयुक्त कमिश्नर एवं हजारों पुलिसकर्मियों के साथ टीम को कार्यवाही के लिए भेजा हुआ था, ताकि किसी भी प्रकार के विरोध एवं लोगों के आक्रोश को दबाया जा सके। जिला प्रशासन द्वारा की गई बड़ी कार्यवाही और गरीबों को उजाड़े जाने पर बडख़ल विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी के वरिष्ठ नेता चौधरी विजय प्रताप सिंह जमाई कालोनी में मौके पर पहुंचे और लोगों के हालातों का जायजा लिया। उन्होंने लोगों के साथ पूर्ण सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर गरीब जनता को उजाडऩे का काम कर रही है। जबकि सरकार का यह कर्तव्य बनता है कि किसी भी गरीब एवं मजदूर को उजाडऩे से पहले उनके रहने की वैकलपिक व्यवस्था की जाए या उनको कहीं अन्यत्र विस्थापित किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के भी आदेश है कि मूलभूत सुविधाओं से किसी को भी वंचित न किया जाए। गरीब एवं मजदूर को उजाडऩे से पहले उनके रहने की वैकलपिक व्यवस्था की जाए या उनको कहीं अन्यत्र विस्थापित किया जाए। एक तरफ तो मोदी और खटटर कहते कि 2022 तक सभी को पक्के मकान दिए जाएंगे और दूसरी तरफ गरीबों के आशियानों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं उन्हें बेघर किया जा रहा है । ये मोदी और खटटर की कथनी और करनी में अंतर है। आज कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन एवं बेरोजगारी की मार से आम आदमी अभी तक उभर नहीं पाया है, दूसरा सरकार गरीब, मजदूर वर्ग को बेघर करने पर तुली है। विजय प्रताप ने कहा कि ऐसे हालात में जब प्रशासन ने उनके घरों को बुल्डोजरों की सहायता से उजाड़ दिया है, ये लोग कहां जाएंगे। उजाड़े गए लोगों ने उनसे अपना दुख प्रकट किया और बताया कि किस प्रकार से मकान टूटने के बाद वो खुले में रहने को मजबूर हैं। उनके पास न तो कहीं रहने का ठिकाना है और न ही खाने को संसाधन हैं। कई ऐसे परिवार भी उनको वहां नजर आए, जो घर टूट जाने के बाद खुले में खाना बना रहे थे। न जाने ऐसे कितने ही लोगों ने उनके समक्ष अपना रोना रोया, जिन्होंने अपने खून-पसीने की कमाई से मकान बनाए और प्रशासन ने भारी अमले के साथ इनको धराशायी कर दिया। सरकार का रैवया एक दिन उसके सामने आएगा।

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