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Faridabad NCR

महाराज दर्शन दास चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा प्रवचन समारोह का आयोजन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 24 अगस्त। महाराज दर्शन दास चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित विशेष प्रवचन समारोह में महाराज कंत जी अपने आध्यात्मिक प्रवचनों में बाणी  ‘देयो ना दर सिरजन हार स्वामी सिर धर दस्तार, जी जंत सब कियो पुकार। देयो दर्शन हर प्रीत पालन, हम नीछ किछ जानो नाही।’ का भावार्थ बताते हैं कि दुनिया में अच्छी व बुरी सभी प्रकार की रूह जन्म लेती है। लेकिन सभी अच्छी रूहों को जन्म लेने के लिए समय लगता है। जब भी यह दुनिया शुरू हुई, तब से लेकर अब तक आकार मंडल में इतनी रूह हैं जितनी की धरती पर भी नहीं हैं। कार्यक्रम में कोरोना महामारी के चलते सोशल डिस्टिसिंग व अन्य नियमों का पूरा पालन किया गया।
‘सो क्यों विसरे जिन सभी किछ दिआ, सो क्यों बिसरे जिन जीवन जीया’ महाराज जी कहते हैं कि हमें उस परमात्मा को नहीं भूलना चाहिए, जिसने हमें यह घर, धन, दौलत, औलाद और सब कुछ दिया है। हम जो कुछ जीवन में प्राप्त करते हैं, उसके लिए हमें परमात्मा का शुक्रगुजार होना चाहिए। मनुष्य को यह बात सदा याद रखनी चाहिए कि ईश्वर हम सबको बनाने वाला है। हम उस ईश्वर से बड़े कभी नहीं हो सकते न ही उसका अंत पा सकते हैं। कहने का भाव यह है कि उसकी रजा में राजी रहना चाहिए। यदि उसने दुख दिए हैं तो वह सुख भी देगा।
आगे महाराज कंत कहते हैं कि जो ईश्वर हमें जन्म देता है, वही हमारी पालना भी करता है। वही हमारी सभी जरूरतों का ध्यान भी रखता है। जीवन के उद्धार के लिए वही बार-बार मार्गदर्शन करता है कि हे संसार के जीवो, जो आपको मानव जन्म मिला है यह पवित्र और उच्च योनि है। यह 84 लाख की जेल यात्रा के बाद प्राप्त हुई है। इसमें आकर यदि हम उस मालिक को प्राप्त करने का प्रयत्न करते हैं तभी हमारा मानव योनि में आना सफल होता है। महाराज जी कहते हैं कि मनुष्य योनि बड़े भाग्य से मिलती है। मानव जीवन भी बार-बार नहीं मिलता है।
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