Connect with us

Faridabad NCR

जैविक खाद बनाओ, यूरिया का चलन घटाओ

Published

on

Spread the love

Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 21 अक्टूबर। अधिक व अच्छी पैदावार लेने व यूरिया के बढ़ रहे चलन से निजात पाने के लिए बड़े स्तर पर जैविक खाद का उत्पादन शुरू किया गया है। अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत यह कार्य ग्राम फरीदपुर ग्राम सचिवालय में किया गया है। यहां करीब 10 टन खाद तैयार हो चुकी है। इससे कही अधिक और खाद बनाने की तैयारी हो गई है। उन्होने बताया कि यदि इस प्रकार के प्रयोग सभी गाँवो में जाए तो जैविक खाद का प्रचलन बढ़ेगा और इसका जिसका असर सभी के स्वास्थ्य पर भी दिखाई देगा। उन्होंने जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया के बारे में बताया कि जैविक खाद बनाने के लिए गोबर को एक जगह इक_ा किया जाता है। उसके बाद डीकंपोजर और 2 किलो ग्राम गुड़ को 200 लीटर पानी में मिलाया जाता है। यह मिश्रण ड्रम में 6 दिनों तक रखा जाता है। इसके बाद इस पानी का छिडक़ाव गोबर के ढेर पर हर 15 दिन में किया जाता है। करीब 45 दिन बाद जैविक खाद तैयार हो जाती है।
अतिरिञ्चत उपायुकत ने बताया कि किसान भाई पराली के फानों पर इसका छिडक़ाव कर उससे खाद बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे स्वच्छता अभियान को भी बल मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना से एक साथ कई लाभ देखने को मिल रहे हैं। जहाँ एक ओर इस योजना से गांव में जगह-जगह पड़े गोबर के ढेर से मुक्ति मिल रही है वही इसके खेतो मे उपयोग करने से  जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढ़ रही है। इसके प्रयोग में लाए जाने से खाद्यान्न एवं  आमजन के स्वास्थ्य के लिए भी यह उपयोगी सिद्ध होगा।  इतना ही नहीं इसके प्रयोग से फसलों में लगने वाले कीटनाशक का खर्चा भी कम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के लिए फरीदपुर ग्राम को चुना गया है । इसके बाद अन्य 32 ग्राम पंचायतों में भी डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का कार्य शुरू चुका है। यह प्रणाली इन  ग्राम पंचायतों में भी लागू की जायेगी। उन्होंने बताया कि किसान भाई इस जैविक खाद को  अपने घर पर भी बना सकता है।  गांव की सरपंच सविता ने बताया कि गांव में जगह-जगह पड़े गोबर के ढेर को सचिवालय मे ला कर इसे जैविक खाद में परिवर्तित किया जा रहा है।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com