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Faridabad NCR

गांवों की जमीन लेकर शहरों का विकास कर रहा है नगर निगम : राकेश भड़ाना

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 10 सितम्बर। नगर निगम के अंतर्गत भांखरी गांव में पिछले 5 साल से गांव के मैन रास्ते में जलभराव की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है, मगर किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है। हारकर ग्रामीणों ने अब कोर्ट की शरण में जाने का रास्ता अपनाया है। इसके बावजूद भी समाधान नहीं हुआ तो रास्ता जाम करेंगे गांव भांखरी के लोग। वीरवार को गांव भांखरी के ग्रामीणों का आक्रोश इस कदर उमड़ा कि वो सडक़ों पर आ गए और नगर निगम प्रशासन, पार्षद एवं विधायक के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों ने बताया कि भांखरी के मैन रास्ते पर होने वाले जलभराव की समस्या को लेकर उन्होंने वर्ष 2015 में नगर निगम में शिकायत दी थी और जब से ही लगातार वो इस मामले को कभी पार्षद, कभी विधायक यहां तक कि केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर तक के समक्ष उठा चुके हैं। लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। यहां तक नगर निगम एसई बी के कर्दम, जोकि उस समय एक्सईएन थे ने इसको लेकर बार-बार अपने बयान बदले हैंं। कभी कहते हैं कुछ लोगों ने नाले को घेरा हुआ है, इसकी वजह से दिक्कत है, कभी कहते हैं गांव भांखरी का गंदा पानी जहां जाता था, कुछ ग्रामीणों ने उसे बंद कर दिया है, इसलिए यहां पानी एकत्रित होता है। एक आरटीआई के जवाब में उन्होंने कहा कि नाले का लेवल सडक़ से ऊंचा है और सडक़ पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आती है। अब एक अधिकारी द्वारा बार-बार जवाब बदलने पर क्या कहेंगे ? गांव के ही पप्पू ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत सीएम विंडो, दुष्यंत चौटाला एवं अनिल विज तक को भेजी हुई है, मगर उनकी जलभराव की समस्या जस की तस है।
इस विषय पर स्थानीय पार्षद राकेश भड़ाना ने कहा कि गांव भांखरी में जल भराव की लोगों की समस्या बिल्कुल वाजिब है। यह गांव का मुख्य मार्ग है और यहां पानी की निकासी नहीं है। मैंने इस विषय में कई बार निगम अधिकारियों और यहां तक कि निगम कमिश्नर तक को अवगत कराया है, लेकिन कोई कार्यवाही अधिकारियों द्वारा नहीं की गई है। नगर निगम के जेई, एसडीओ खेमचंद ने यहां जाकर विजिट भी किया, बावजूद इसके समस्या ज्यों की त्यों है। उन्होंने नगर निगम ने गांवों की जमीन बेचकर शहर में विकास कराए हैं, मगर आज आप नगर निगम के अंतर्गत आने वाले गांवों की स्थिति देख सकते हैं। 26 गांवों को निगम में शामिल कर उनकी जमीन बेचने का है नगर निगम का प्लान, जबकि नगर निगम में पहले से शामिल गांव विकास से अछूते हैं।
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