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भगवद् गीता का सारांश यथार्थ रूप से समझने में सक्षम व्यक्ति ही हो सकता है सांसारिक दुखों से मुक्त : पं सुरेन्द्र शर्मा बबली 

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj :10 अक्तूबर : सिद्ध आश्रम, गांव साहुपुरा में आयोजित भागवत कथा में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुृरेन्द्र शर्मा बबली ने कहा कि यदि कोई भगवद् गीता का सारांश यथार्थ रूप से समझने में सक्षम हो तो वह परम सत्य का अनुभव कर राग (बंधन) की भ्रान्ति व संसार के दुखों में से मुक्त हो सकता है। अर्जुन ने भी महाभारत का युद्ध लड़ते हुए सांसारिक दुखों से मुक्ति प्राप्त की थी। भगवान श्री कृष्ण के द्वारा दिए गए दिव्यचक्षु के कारण ही यह संभव हो सका और इसी दिव्यचक्षु के कारण अर्जुन कोई भी कर्म बाँधे बिना युद्ध लडऩे में सक्षम बने और उसी जीवन में मोक्ष प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि भागवत गीता का सार हमारे जीवन को एक पल में बदल सकता है। महाभारत काल में दिया गया गीता का उपदेश आज भी प्रासंगिक है। गीता का उपदेश समस्त जगत के लिए है। इस अवसर पर कथा आयोजक बाबा शांतिदास महाराज, पं. अमर सरपंच, मांगेराम, प्रहलाद भारद्वाज, लक्ष्मण भारद्वाज, बंटी शर्मा साहुपुरा, एडवोकेट दीपक भारद्वाज, ललित पाराशर, देवराज शर्मा एवं किशोर शर्मा आदि मौजूद थे।
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