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Faridabad NCR

सपुलिसकर्मियों को लोगों से सलीके से पेश आना होगा सए.सी. की हवा खाने की बजाय फील्ड में गश्त करें पुलिस अधिकारी

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj :17 जुलाई : नवनियुक्त पुलिस आयुक्त ओ पी सिंह ने स्पष्ट कहा कि अपराधियों की जगह बाहर नहीं, बल्कि जेल में है। हर एक अपराधी को ढूंढ-ढूंढकर जेल यानि क्वारंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा। इसके लिए 300 अपराधियों की हिटलिस्ट बनाई गई है, जिसे सभी थाना प्रभारियों को सौंप दिया गया है। अब उनके निपटने की जिम्मेदारी स्थानीय एसएचओ की होगी। इसके अतिरिक्त 42 टोप मोस्ट अपराधियों की सूची क्राइम ब्रांच को दी गई है। उन्होंने अपराधियों के लिए फरीदाबाद में अपराध करना घाटे का सौदा बताया। उक्त वक्तव्य ओ पी सिंह ने शुक्रवार को पुलिस आयुक्त कार्यालय में आयोजित एक प्रैसवार्ता में कही। लोगों से अच्छा बर्ताव, हिंसक अपराधियों पर नकेल और कोविड नियंत्रण को पुलिस आयुक्त कार्यालय की मुख्य प्राथिमकता बताया। साथी पुलिस कर्मियों फाइिटंग फिट रखने और उनके कल्याण के लिए वह पूरी तरह से सर्मिपत हैं। लोगों से अच्छे बर्ताव और अपराधियों के खिलाफ प्रभावी अभियान के लिए उन्हें प्रेरित करना और सकाम बनाए रखना सीपी का काम। सिपाही हमारा सबसे बड़ा रैंक है। सबसे कम तनखाह में सबसे ज्यादा रिस्क लेते हैं। सबसे लंबी ड्यूटी देते हैं। उन्हें वर्किंग ऑर्डर में रखना और उनका कल्याण अधिकारी वर्ग की जिम्मेवारी है। इसलिए एसीपी व डीसीपी रैंक के अधिकारी अपने कार्यालयों में एसी की हवा लेने की बजाय फील्ड में रहकर कार्य करें, इससे सिपाही भी मोटिवेट होंगे और अपराधियों में दहशत का माहौल बनेगा। श्री सिंह ने कहा कि पुलिस में शिकायत करने वाले लोगों की शिकायत न सुनें, बल्कि उनका समाधान करें। पुलिस आयुक्त कार्यालय में कम से कम लोग आने चाहिए, क्योंकि जब थाना इंचार्ज लोगों की समस्या का समाधान ही नहीं करेंगे, तो ऐसा थाना खोलने का कोई फायदा नहीं है।
सक्रिय अपराधियों की हर कदम पर मुश्किलें बढ़ाएंगे :
जब वे अपराध की सोच रहे हों, इसके लिए गैंग बना रहे हों और हथियार इक_े कर रहे हों, छिपने के ठिकाने ढूंढ रहे हों, अपने शिकार की रेकी कर रहे हों, वारदात को अंजाम दे रहे हों, वारदात कर भाग रहे हों, वारदात कर छिप रहे हों या ठगी-बदमाशी की कमाई हजम कर रहे हों। तब उन्हें लगना चाहिए कि यहां उनके पकड़े जाने का खतरा आस-पास के जिलों से ज्यादा है। वे ये महसूस करें कि फरीदाबाद में अपराध घाटे का सौदा है। अगले एक महीने में नाजायज असला रखने वाले, ड्रग का धंधा करने वाले, पीओ, बेल और पैरोल जंपरों के खिलाफ चलेगा सघन अभियान। सैकड़ों पेशेवर अपराधी जेल जाएंगे। आम आदमी अपने काम से मतलब रखते हैं। उन्हें आश्वासन चाहिए कि जब भी उन्हें कोई लूटने, ठगने और कूटने की बात करे, तो पुिलस उनके लिए ढाल का काम करेगी, उनकी सुनेगी। उनका विश्वास जीतने और बनाए रखने के लिए जी-जान लगा देंगे।
सौ में सात-आठ प्रतिशत गरीबी के मारे, छोटे-मोटे अपराध को कुटीर उद्योग और स्वरोजगार समझ लेते हैं, उन्हें सही राह पर लाने की कोशिश होगी। जबकि दो-तीन प्रतिशत ऐसे होते हैं, जिन्होंने ठगी और बदमाशी को अपना धंधा बना रखा है। ऐसे अपराधियों को कोई रियायत नहीं दी जाएगी, उन पर सारे कानून पढ़ दिए जाएंगे। कोविड-19 से जूझ रहे साथी पुलिस कर्मियों और आमजन को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाएं दीं। पिछले सौ साल में हम सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। मिलकर इससे उबरेंगे। इस लड़ाई में जिस हौसले और हिम्मत से पुिलस ने मोर्चा संभाल रखा है, वह गौरव की बात है। लोगों से कहा कि मास्क पहने, सार्वजनिक स्थान पर दो गज की दूरी रखें, सर्दी-खांसी-बुखार के लक्षण दिखते ही डाक्टर से संपर्क करें। कुछ ही महीनों की बात है।
तकनीक का इस्तेमाल लोक-सेवाओं को सुलभ और पुिलस को प्रभावी बनाने में करेंगे। सोशल मीडिया के जरिए लोगों को पुलिस एक्शन के बारे में अपडेट करते रहेंगे, उनसे सुझाव लेते और उन पर काम करते रहेंगे। पुलिस थानो में केस और लोस प्रापर्टी के लिए एक पिंस्ट्रिप बोर्ड बनवाएंगे। लोग इस पर अपनी लुटी-खोई चीजों को ऑनलाइन देख उन्हें वापस ले सकते हैं। सोशल मीडिया के जरिए सक्रिय अपरािधयों के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे। फेसबुक लाइव के जरिए समय-समय पर पुलिस कर्मी लोगों से संवाद करेंगे। इंस्टाग्राम के जरिए युवा पीढ़ी से जुड़ेंगे। उन्हें अच्छी और सकारात्मक जीवन शैली के लिए प्रेरित करेंगे और संभावित खतरों के प्रति आगाह करेंगे। स्कूलों के हेडबॉय और हेडगर्ल का नेटवर्क बनाएंगे, उनसे सहयोग लेंगे। पुलिस विभाग में खेल कोटा में भर्ती हुए कर्मचारी युवाओं से खेल के माध्यम से से जुड़ेंगे, उन्हें सक्रिय और सकारात्मक जीवन शैली के लिए प्रेरित करेंगे। युवाओं पर सकारात्क प्रभाव रखने वालों से गठजोड़ करेंगे। उनकी पहचान कर ली गई है। उनसे वीसी और मुलाकात के जरिए संवाद जल्दी शुरू करेंगे। युवाओं को बरगलाने-भड़काने वालों की पहचान भी कर ली गई है। ये समाज के दुश्मन हैं, विधि-व्यवस्था के लिए खतरा हैं। इन पर सारे कानून पढ़ देंगे। एसीपी धारणा पुलिस कमिशनरेट की पब्लिक रिलेशन अफसर होंगी। वे प्रेस से साझा की जा सकने वाली आपरािधक सूचनाएं समय रहते शेयर करेंगी।
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