Connect with us

Faridabad NCR

NSUI की मुहिम #SpeakUpForStudents के माध्यम से छात्रों ने फाइनल ईयर की परीक्षा रद्द तथा स्कूल-कॉलेजों की 6 महीने की फीस माफी की मांग रखी

Published

on

Spread the love

Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : बीते शुक्रवार को एनएसयूआई की #SpeakUpForStudents मुहिम पूरे दिन सोशल मीडिया पर ट्रेंड करती रही। एनएसयूआई की राष्ट्रीय प्रभारी एवं एआईसीसी जॉइंट सेक्रेटरी रुचि गुप्ता और राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन के नेतृत्व में शुरू किये गए इस ऑनलाइन अभियान में देशभर के छात्रों ने हिस्सा लिया तथा इस मुहिम के माध्यम से छात्रों ने सरकार के समक्ष फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा रद्द कराने को लेकर तथा सभी स्कूल-कॉलेजों की 6 महीने की फीस माफ कराने की मांग रखी। आज इस मुहिम का लोहा मानते हुए दिल्ली सरकार ने प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटियों की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया है।

इस मुहिम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते हुए प्रदर्शन कम करके सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रख रहे है। एनएसयूआई की इस मुहिम को अपना समर्थन देते हुए कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वायनाड से सांसद श्री राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, राज्यसभा सांसद अहमद पटेल, राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा कुमारी सैलजा, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, एनएसयूआई की राष्ट्रीय प्रभारी रुचि गुप्ता, एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने #SpeakUpForStudents हैश टैग का प्रयोग करते हुए फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर छात्रों की मांगों का समर्थन करते हुए अपने बयान जारी किये। कृष्ण अत्री ने बताया कि इस मुहिम में कांग्रेस पार्टी के सभी नेताओं ने इस मुहिम में हिस्सा लिया तथा देशभर से लगभग 6-7 लाख ट्वीट छात्रों ने किये। पूरे दिनभर इस मुहिम का बोल बाला सोशल मीडिया पर रहा।

कृष्ण अत्री ने बताया कि आज जहाँ कांग्रेस पार्टी का छात्र संगठन एनएसयूआई प्राथमिकता से छात्रों की आवाज को बुलंद करने का काम कर रहा है वहीं कुछ और एबीवीपी जैसे तथाकथित छात्र संगठन जो अपने आप को छात्र हितैषी बताते है, आज वो भाजपा सरकार का तोता बनकर उन्हीं की भाषा बोल रहे है। 23 जून को जब सभी छात्रों की परीक्षाएं रद्द करी गई थी तो इन्हीं सरकारी तोतों ने श्रेय लेने की कोशिश भी की थी लेकिन जब 6 जुलाई को यूजीसी ने छात्रों की फाइनल ईयर की परीक्षा कराने को लेकर गाइडलाइन जारी करी तो ये सरकारी तोते उसी दिन से चुपचाप बैठकर छात्रों पर हो रहे इस अत्याचार को देख रहे हैं तथा परीक्षाएं कराने को लेकर के आज ट्विटर पर मुहिम भी चला रहे है और वहीं उसी दिन से एनएसयूआई इसका पुरजोर तरीके से विरोध कर रही है और जब तक करती रहेगी जब तक ये फरमान वापिस नही हो जाएगा।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com