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Faridabad NCR

कमेटियां पूरी कर्तव्यनिष्ठा व सक्रियता से कार्य करें : उपायुक्त यशपाल

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 10 जुलाई। उपायुक्त यशपाल ने कहा कि कोरोना से मजबूती के साथ फाइट करनी है और इसके संक्रमण से लोगों को बचाना भी है। इसके लिए जोनल, मानीटरिंग, सेक्टर व लोकल कमेटियां बनाई गई हैं, जो चेन के रूप में कार्य कर रही हैं तथा सभी प्रकार की एसओपी को अपने एरिया में लागू करवा रही हैं। ये कमेटियां पूरी कर्तव्यनिष्ठा व सक्रियता से कार्य करें। लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा संबंधित कर्मचारी के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

उपायुक्त शुक्रवार को बल्लबगढ़ शहरी व बल्लबगढ़ ग्रामीण, एनआईटी फरीदाबाद व तिगांव अर्बन से संबंधित जोनल, मानीटरिंग, सेक्टर व लोकल कमेटियों के सदस्यों को उनके कार्य के संबंध में आयोजित प्रशिक्षण के दौरान संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला में अब दो प्रकार का सर्वे का कार्य किया जा रहा है। दोनों ही सर्वे लोगों की मदद के लिए बहुत जरूरी हैं। पहले सर्वे में फैमिली आईडी के संबंध में प्रत्येक हाउसहोल्ड से संबंधित जानकारी एकत्रित की जानी है। किसी भी आपदा की स्थिति में फैमिली डाटा बहुत जरूरी होता है, ताकि सभी परिवारों तक आवश्यक मदद पहुंचाना संभव हो पाए। आधार नंबर की इसलिए जरूरत है कि परिवार को एक यूनिक आईडी दी जा सके, क्योंकि इससे डाटा को एक्सैस करना आसान होता है। इस कार्य को प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री स्वयं मॉनिटर कर रहे हैं, इसलिए इसकी गंभीरता को देखते हुए जल्द से जल्द इस कार्य को पूरा करें। दूसरा सर्वे प्रत्येक हाउसहोल्ड के व्यक्तियों के स्वास्थ्य के संबंध में हैं। जिला प्रशासन का प्रयास है कि प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी का डाटा एकत्रित हो, ताकि गंभीर व कई बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति की अतिरिक्त देखभाल करना संभव हो पाए। लोगों को भी चाहिए कि वे पूर्ण रूप से सही जानकारी उपलब्ध करवाएं।

उपायुक्त ने कहा कि स्वास्थ्य सर्वे के संबंध में स्पष्ट है कि जिन लोगों में आईएलआई के सिम्टम मिलते हैं, उनका टेस्ट करके बीमारी का पता लगाया जाता है और फिर इलाज शुरू किया जाता है। इसके अलावा किसी भी उम्र के व्यक्ति को कोई गंभीर बीमारी है तो उसकी जानकारी भी हमारे पास आ जाती है। ऐसे व्यक्तियों की इम्युनिटी कमजोर होती है और उन्हें कोरोना से खतरा अधिक ज्यादा है। ऐसे मरीजों की पहचान से फायदा यह होगा कि उन्हें इम्युनिटी बूस्ट करने की दवाइयां व उचित परामर्श दिया जा सकता है। इसके अलावा उनका हालचाल जानने के लिए प्रतिदिन उनसे संपर्क भी किया जाएगा। अगर उनमें बीमारी आती है तो उनका इलाज भी तुरंत किया जाएगा। जब भी आप किसी परिवार या आर.डब्ल्यू.ए. के पास जा रहे हैं तो अच्छी प्रकार से उन्हें इन विषयों के बारे में समझाएं। सभी कमेटियों के सदस्य काम पर लग जाएं तथा प्रतिदिन की रिपोर्ट हर हालत में पहुंचाएं। अगर कोई व्यक्ति गैरहाजिर रहता है तो उसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास भेज दें।

उपायुक्त ने कहा कि अगर कमेटियां अपने हाउसहोल्ड को टीमों के बीच में बांट देते हैं और उनमें वालिंटियर क्रिएट कर देते हैं, तो सभी प्रकार की सूचना प्राप्त करना आसान हो जाएगा। लोकल कमेटियों में बीएलओ, आशा वर्कर व एएनएम को शामिल किया गया है, ये व्यक्ति हमेशा फील्ड वर्क करते रहते हैं और उस एरिया में लोगों को जानते भी हैं, उनकी लिए उस एरिया में वालिंटियर क्रिएट करना आसान है।

उपायुक्त ने कहा कि जिन लोगों को गंभीर व कई बीमारियां हैं, उनका जीवन बचाने के लिए उनकी पहचान करना बहुत जरूरी है। वालिंटियर के माध्यम से उसका प्रतिदिन हालचाल भी जानना है। अगर किसी एरिया में डाक्टर, नर्स या हेल्थ वर्कर्स रिटायर हैं या किसी व्यक्ति को हेल्थ संबंधी जानकारी हो, आरएमपी हो, उनकी पहचान भी करनी है, ताकि आसपास के क्षेत्र में जरूरत पड़ने पर उनकी मदद ली जा सके।

जिला प्रशासन की ओर से हेल्थ प्लान व फैसिलिटी क्रिएट की जा रही हैं। उसका मॉडल यही है कि जो आफिस बनाए गए हैं, उनमें बेसिक सामान, किट, दवाइयां, पल्स आक्सीमीटर, व सभी प्रकार की सूचना, होम आइसोलेशन का ब्रोशर आदि होना चाहिए। इसी प्रकार यही सामान सेक्टर कमेटियों के ऑफिस, सीएचसी व पीएचसी में भी होना चाहिए तथा यहां पर एंबुलेंस भी होनी चाहिए। इसके अलावा सभी को पता होना चाहिए कि आपके एरिया में अगर किसी मरीज को दिक्कत होती है तो किस डाक्टर व अस्पताल से संपर्क करना है या फिर जो आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं, उनमें एसिमटोमैटिक या माइल्ड मरीजों को रखने की सुविधा क्रिएट की जा रही है, वह कौनसी बिल्डिंग में है और अगर मरीज को ज्यादा दिक्कत तो उसे कहां पर लेकर जाना है, यह पूरा प्लान सभी इंसीडेंट कमांडर ने बनाया है। यह प्लान जल्द ही सभी से शेयर कर लिया जाएगा। यह सारी सूचना लोकल कमेटियां अपने एरिया में लोगों से शेयर कर लें। उन्होंने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उससे पूछा जाता है कि वह पिछले दस दिन में किन-किन लोगों के संपर्क में आया है। उन सभी को यह सलाह दी जाती है कि वे अपने टेस्ट करवाएं और घरों में रहें। कान्टैक्ट ट्रैसिंग की डिटेल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से शेयर की जा रही हैं। लोकल कमेटियों में एएनएम व आशा वर्कर भी साथ जुड़े हैं, उन सभी से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने एरिया में उनसे पूछताछ करेंगे तथा इसकी रिपोर्ट इंसीडेंट कमांडर को भेजना सुनिश्चित करेंगे।

अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान ने भी विस्तार से सभी कमेटियों के सदस्यों को उनके कार्यों के बारे में जानकारी दी।

इस अवसर पर संपदा अधिकारी एवं इंसीडेंट कमांडर परमजीत चहल, एसडीएम त्रिलोकचंद, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी पूजा शर्मा, प्रदीप कुमार व नवनीत कौर, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शशी अहलावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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