Faridabad NCR
बैम्बू कला से सरकार की कौशल विकास की मुहिम को लग रहे पंख

Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 17 फरवरी। आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव की श्रृंखला में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कौशल विकास को बढ़ावा देने की मुहिम का असर 36 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला में प्रभावी रूप से दिखाई दे रहा है। मेला परिसर में प्रत्येक स्टॉल पर बैठा हर कलाकार किसी न किसी रूप में सरकार के कौशल विकास को बढ़ावा देकर स्वरोजगार की मुहिम में भागीदार बन रहा है। देश भर में सरकार के कौशल विकास के विजन में न केवल लोगों को हुनरमंद बनाना है, बल्कि उसे विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभ देकर स्वरोजगार की ओर अग्रसर भी करना है।
हम यहां बात कर रहे हैं असम के शिमलापुरी निवासी मुकुट तालुडकर की, जोकि बांस और कैनन उद्योग के जरिए न केवल अपना कारोबार चला रहे हैं, साथ ही अनेक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं। 19 फरवरी तक चलने वाले इस मेला में पार्टनर नार्थ ईस्ट राज्यों में शामिल असम स्टेट निवासी मुकुट परिसर में स्टॉल-231 पर न केवल अपने कैनन और बैम्बू उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं, साथ ही बैंबू की खासियत से पर्यटकों को रूबरू करा रहे हैं।
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सैकड़ों परिवारों को मिल रहा रोजगार
असम में श्रीराम केनन बैंबू इंड्स्ट्री चला रहे मुकुट कहते हैं कि असम क्राफ्ट सोसायटी द्वारा असम एम्पोरियम मेला में प्रतिवर्ष उनका खासा योगदान रहता है। उनकी इंड्स्ट्री में बांस के डिजाईन बनाकर कला को उभारा जा रहा है। वे स्वयं सहायता समूह के जरिए लोगों को रोजगार भी दे रहे है। उन्हें समय-समय पर हथकरघा मंत्रालय के माध्यम से अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की योजनाओं का लाभ भी निरंतर मिल रहा है।
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बैम्बू वाइन जार सहित सैकड़ों आइटम की भरमार
बैम्बू कला में निपुण मुकुट की स्टॉल पर बैंबू वाइन जार के अलावा फ्लावर बस टॉप, हैंगिंग लैंप, टेबल लैंप, मैगजीन होल्डर, रीडिंग लैंप, मूढा, बैम्बू टेबल सहित सैकड़ों वैरायटी मौजूद हैं। उनका कहना है कि पर्यटक प्लास्टिक की बजाय बांस से बने प्रोडक्ट खरीदने में खासी रूचि दिखा रहे हैं। उन्हें मेला में स्टॉल लगाकर सुखद महसूस हो रहा है।