Connect with us

Faridabad NCR

मानव को सिखाने के लिए मर्यादा में बंधे श्रीराम : स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य

Published

on

Spread the love

Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : सूरजकुुंड रोड स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम (श्री सिद्धदाता आश्रम) में श्रीराम नवमी का पर्व बड़े ही जोर शोर और भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अधिष्ठाता जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि मानव को मर्यादा सिखाने के लिए भगवान ने श्रीराम के रूप में जन्म लिया और लीलाएं कीं।

उन्होंने कहा कि भगवान तो सबकुछ कर सकते हैं लेकिन उन्होंने मानव को मर्यादा में रहना सिखाया। उन्होंने करके दिखाया कि मानव को क्यों श्रेष्ठ कहा जाता है। उन्होंने करके दिखाया कि कैसे चरित्र को समाज में स्थान मिलता है। उन्होंने स्वयं के चरित्र द्वारा समाज को संदेश दिया कि हमें कैसे जीना चाहिए। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने बताया कि भगवान श्रीरामचंद्र ने एक राजा के घर जन्म लेने के बाद भी कभी अहंकार नहीं किया और उन्होंने परिवार और समाज के हिसाब से आचरण किया। हमें उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ है। श्री गुरु महाराज ने कहा कि यदि हम श्रीराम के चरित्र को देखेंगे तो पाएंगे कि वहां पर सुथरे चरित्र की बात हो रही है। इसे बनाए रखने के लिए व्यक्ति को कीमत भी चुकानी पड़ेगी लेकिन उसका अंत हमेशा सुखदायी होगा।

स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि हमें भगवान पर भरोसा रखना चाहिए लेकिन भगवान के घर की सीढ़ी दिखाने वाले गुरु पर विश्वास जरूर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो गुरु के दर पर जाता है, भगवान उसके दर पर जाते हैं। उन्होंने राजा दशरथ व अन्य उदाहरणों के माध्यम से बताया कि जीवन में हर रुकावट गुरुकृपा से दूर हो सकती है। भगवान भी उनको पसंद करते हैं जो अपने गुरु की बात को मानते हैं।

इससे पूर्व उन्होंने दिव्यधाम, समाधि स्थल पर पूजन अर्चन किया और भगवान श्रीराम चंद्र के मूर्तरूप का ना-ना प्रकार से अभिषेक किया। उन्होंने भक्तों को प्रसाद एवं आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर भगवान के दिव्य स्वरूप के साथ झांकी निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने ढोल नगाड़ोंं की थाप पर भगीदारी की। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष श्री गोपाल शर्मा जी व उनके साथ युवा भाजपा जिला अध्यक्ष श्री पंकज सिंगला जी ने भी गुरुदेव महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।

Continue Reading

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com