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Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के छात्रों को उनके अभिनव योगदान के लिए सम्मानित किया

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 17 मई। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के स्टूडेंट वालंटियर्स की एक टीम जिसे ‘टीम उम्मीद’ के नाम से जाना जाता है, को जिला प्रशासन द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान ऑक्सीजन रिफिलिंग प्रबंधन प्रणाली के कार्यान्वयन में योगदान के लिए प्रशंसा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ऑक्सीजन रिफिलिंग प्रबंधन प्रणाली में विश्वविद्यालय के स्टूडेंट वालंटियर्स के योगदान की राज्य सरकार द्वारा भी सराहना की गई थी।
फरीदाबाद के उपायुक्त एस. जितेंद्र यादव ने लघु सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में टीम को सम्मानित किया तथा विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से शहर से संबंधित विभिन्न समस्याओं के लिए तकनीकी और अभिनव समाधान प्रदान करने का आह्वान किया।
महामारी के दौरान जिला प्रशासन को सहयोग प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं की भागीदारी अच्छे और प्रभावी शासन की कुंजी है और ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां छात्र तकनीकी एवं अभिनव समाधानों द्वारा जमीनी स्तर पर नीतियों को लागू करने में प्रशासन की मदद कर सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान स्टूडेंट वालंटियर्स ने स्मार्ट डस्टबिन और शहरी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए आईओटी आधारित समाधान की दो परियोजनाओं पर प्रस्तुति भी दी। स्मार्ट डस्टबिन कॉन्टैक्टलेस सेंसर आधारित डस्टबिन परियोजना है जो कूड़ेदान के लगभग भर जाने पर संकेत या संदेश देता है। इसी तरह स्टूडेंट वालंटियर्स द्वारा 2-3 स्वास्थ्य केंद्रों का सर्वेक्षण किया गया है और रोगियों की भीड़ को कम करने के लिए नवीन और स्मार्ट समाधानों की पहचान की है।
उपायुक्त ने स्टूडेंट वालंटियर्स द्वारा प्रस्तुत किए गए विचारों से प्रभावित होकर छात्रों को इन परियोजनाओं को विश्वविद्यालय परिसर क्षेत्र के निकट छोटे पैमाने पर लागू करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी इन परियोजनाओं की सफलता का मूल्यांकन करें और यदि यह सकारात्मक परिणाम देती है, तो प्रशासन इन परियोजनाओं को शहर में पायलट परियोजना के रूप में लागू करने के लिए अपनाएगा।
बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप डिमारी, प्रो. मुनीश वशिष्ठ, प्रो. नीलम तुर्क और फैकल्टी समन्वयक डॉ. रश्मी चावला, संगीता ढुल और मंजू कुमारी भी मौजूद थीं।

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