Faridabad NCR
‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में सबमिशन 72,165 तक पहुँचे, यह भारत के तेज़ी से उभरते युवा नवाचार इकोसिस्टम का सशक्त प्रमाण है, डॉ. सुखान्त मजुमदार, केंद्रीय राज्य मंत्री (शिक्षा), ने SIH 2025 सॉफ़्टवेयर एडिशन में कहा
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 9 दिसंबर। डॉ. सुखान्त मजुमदार, केंद्रीय राज्य मंत्री (शिक्षा), भारत सरकार ने देशभर के सभी फाइनलिस्टों को वर्चुअली संबोधित करते हुए युवाओं को भारत के भविष्य के समस्या-समाधानकर्ता बनने के लिए प्रेरित किया।
आज स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH) 2025 के सॉफ़्टवेयर एडिशन का दूसरा और अंतिम दिन था। मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (MRIIRS) इस सरकारी पहल के तहत हरियाणा का एकमात्र नोडल सेंटर रहा।
देशभर के छात्रों, संकाय सदस्यों और प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, डॉ. सुखान्त मजुमदार ने प्रधानमंत्री का उल्लेख करते हुए कहा, “भारत की युवा शक्ति हमारे राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत है। उनका नवाचार और संकल्प ही कल का भारत बनाएगा।” उन्होंने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन की उल्लेखनीय वृद्धि पर भी प्रकाश डाला और बताया कि इस वर्ष सबमिशनों की संख्या 72,000 से अधिक हो गई है, जो भारत के युवाओं की बढ़ती भागीदारी और रचनात्मकता को दर्शाती है।
उन्होंने विशिष्ट भारतीय समाधान की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “हमारी समस्याएँ विशिष्ट हैं, और उनके समाधान भी विशिष्ट होने चाहिए। यह आयोजन भारत की वास्तविक चुनौतियों के समाधान देने वाले विचार प्रस्तुत करने का मंच है।” उन्होंने छात्रों की समावेशी भागीदारी की भी सराहना की, जिसमें 53 पूर्ण महिला टीमों ने हिस्सा लिया, जो लिंग-संतुलित नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मानव रचना में आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH) 2025 के सॉफ़्टवेयर एडिशन में देशभर से आए 180 छात्रों (30 टीमों) ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए छह कृषि-केंद्रित समस्या वक्तव्यों पर काम किया। यह आयोजन राष्ट्रव्यापी नवाचार अभियान का हिस्सा है, जिसमें सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर दोनों एडिशन मिलाकर 727 संस्थानों के 8,160 छात्रों की 1,360 फाइनलिस्ट टीमें भाग ले रही हैं।
शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन सेल और AICTE द्वारा आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH) के आठवें संस्करण के माध्यम से रचनात्मक सोच, समस्या-समाधान क्षमता और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जारी है। मानव रचना इस राष्ट्रीय मिशन में सक्रिय साझेदार के रूप में भारत को नवाचार-प्रधान अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
