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Faridabad NCR

डीएवी शताब्दी महाविद्यालय तथा भारतीय शिक्षण मंडल के संयुक्त तत्वाधान में “शिक्षकों के दायित्व” विषय पर हुई परिचर्चा

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय, फरीदाबाद ने भारतीय शिक्षण मंडल के साथ मिलकर “नई शिक्षा नीति को लागू करने में शिक्षकों के दायित्व” विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया। इस परिचर्चा में भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्री बीआर शंकरानंद जी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। उनके साथ भारतीय शिक्षण मंडल, हरियाणा प्रांत अध्यक्ष डॉ जितेंद्र भारद्वाज जी, हरियाणा प्रांत मंत्री श्री सुनील शर्मा जी एवं कार्यकारिणी के अनेक सदस्यगण मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में फरीदाबाद के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से डॉक्टर कृष्ण कांत गुप्ता जी, प्राचार्य, अग्रवाल कॉलेज, बल्लभगढ़, डॉक्टर एम के गुप्ता जी, प्राचार्य,राजकीय महाविद्यालय फरीदाबाद, और मोहना गवर्मेंट कॉलेज के कार्यकारी प्राचार्य के अतिरिक्त अनेक शिक्षकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय शिक्षण मंडल के ध्येय वाक्य से किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री शंकरानंद जी ने अपने प्रभावपूर्ण संबोधन से समस्त शिक्षकों के मन में शिक्षा एवं शिक्षण के प्रति नया दृष्टिकोण, नया जोश एवं नई सोच जागृत की। उन्होंने अपने वक्तव्य में समस्त शिक्षकों को स्वयं को भगवान मानते हुए प्रत्येक छात्र को भगवान सदृश बनाने की सलाह दी।
कार्यक्रम में उपस्थित समस्त शिक्षक- गणों से प्रत्यक्ष वार्तालाप करते हुए मुख्य अतिथि महोदय ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से शिक्षकों को अपने मन में छात्र के प्रति प्रेम एवं संवेदना विकसित करने की सलाह दी। उन्होंने शिक्षकों को छात्र एवं अभिभावक दोनों के दृष्टिकोण एवं कठिनाइयों को समझने की बात कही। इस अवसर पर शिक्षकगणों ने भी नई शिक्षा नीति को सफलतापूर्वक लागू कराने में स्वयं की भूमिका के ऊपर भी प्रश्न पूछे। कार्यक्रम में समस्त शिक्षक गणों ने वर्तमान समय में छात्रों में शिक्षा के प्रति निरंतर घट रही रुचि को लेकर चिंता व्यक्त की।
इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल की वार्षिक पत्रिका स्वर्ण प्रभास का मुख्य अतिथि एवं प्रमुख शिक्षाविद श्री शंकरानंद जी द्वारा अनावरण किया गया और समस्त शिक्षकों के मध्य वितरित किया गया।
डीएवी शताब्दी महाविद्यालय के द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 को प्रारंभ करने में आ रही कठिनाइयों के बीच शिक्षकों को उनके कर्तव्यों और नयी शिक्षण पद्धतियों के माध्यम से परिचित कराने के उद्देश्य से इस परिचर्चा का आयोजन किया गया। अंत में महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉक्टर सविता भगत ने मुख्य अतिथि एवं भारतीय शिक्षण मंडल के सभी सदस्यों तथा मुख्य शिक्षाविदों का हार्दिक धन्यवाद करते हुए भारतीय शिक्षण मंडल के सहयोग से आगे भी समय-समय पर अनेक प्रकार के कार्यक्रम करते रहने की घोषणा की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि निश्चित रूप से एक शिक्षक ही अपनी बुद्धिमत्ता, लगनशीलता और सृजनात्मक सोच एवं क्रिया से छात्र के जीवन में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का हुनर रखता है। इस कार्यक्रम में मंच संचालन का कार्य वाणिज्य विभाग की प्रवक्ता डॉक्टर बिंदु रॉय ने किया। कार्यक्रम के अंत में सभी शिक्षकों में अत्यंत प्रसन्नता एवं नई उमंग दिखाई दी।

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