Faridabad NCR
चाय पर चर्चा कार्यक्रम में एकॉर्ड अस्पताल के विशेषज्ञों ने लोगों को फिट रहने के दिए टिप्स

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 23 जून। स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एकॉर्ड सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एवं गायत्री परिवार ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में “चाय पर चर्चा” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सेक्टर 99ए स्थित गायत्री योग साधना मंदिर में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सजग करना और विशेषज्ञ डॉक्टरों से सीधे संवाद का अवसर उपलब्ध कराना रहा। इस अवसर पर एकॉर्ड अस्पताल के चेयरमैन एवं नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार तथा न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. रोहित गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। दोनों विशेषज्ञ डॉक्टरों ने विभिन्न गंभीर बीमारियों, उनके लक्षण, बचाव और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों पर जानकारी साझा की।
डॉ. जितेंद्र कुमार ने गुर्दा संबंधित रोगों, उनकी प्रारंभिक पहचान, नियमित जांच और जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में तेजी से बदलती जीवनशैली संबंधी बीमारियों के बीच किडनी की सेहत को लेकर लोगों को गंभीर होना चाहिए। किडनी हमारे शरीर का अभिन्न अंग है। इसे लेकर लोग हमेशा लापरवाही बरतते है, जो ठीक नही हैं। उन्होंने कहा कि अगर किडनी की बीमारी हो भी जाए तो उससे घबराने की जरूरत नहीं, अस्पतालों में आज किडनी के इलाज की आधुनिक तकनीक उपलब्ध है। जिनसे किडनी ट्रांसप्लांट भी बहुत आसान हो गया है। वहीं, डॉ. रोहित गुप्ता ने मस्तिष्क संबंधी विकारों, जैसे स्ट्रोक, पार्किंसन और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि शुरुआती लक्षणों को पहचान कर समय रहते इलाज शुरू किया जाए तो गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान स्थानीय निवासियों ने डॉक्टरों से खुलकर सवाल पूछे और स्वास्थ्य से जुड़ी अपनी शंकाएं स्पष्ट कीं। इस संवादात्मक पहल ने न केवल लोगों को चिकित्सकीय जानकारी दी, बल्कि उनमें अपने स्वास्थ्य को लेकर गंभीरता भी बढ़ाई। कार्यक्रम के अंत में आयोजकों द्वारा सभी प्रतिभागियों को हेल्थ अवेयरनेस बुकलेट्स भी वितरित की गईं।
गायत्री परिवार ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने बताया कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे ताकि समाज में स्वास्थ्य को लेकर सकारात्मक वातावरण बनाया जा सके।