Faridabad NCR
बाल देखभाल गृह में रहने वाले किशोरों की हरिहर योजना की समीक्षा : एडीसी अपराजिता

Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 24 फरवरी। एडीसी अपराजिता ने कहा कि जिला के दोनों बाल देखभाल गृह में रह रहे और 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके अन्य बच्चों को हरिहर योजना का पूरा लाभ दिया जाए। इन बच्चों को भविष्य में पढ़ाई करनी है या कहीं प्रशिक्षण प्राप्त कर नौकरी करनी है, तो इसके लिए भी उनकी सहमती लेकर सीसीआई कार्य योजना प्रस्तुत करें।
एडीसी अपराजिता शुक्रवार को लघु सचिवालय में जिला स्तरीय अप्रूवल कमेटी की बैठक में समीक्षा करते हुए यह दिशा-निर्देश दे रही थी।
समीक्षा बैठक में बताया कि जिला में मौजूदा समय में दो बाल देखभाल गृह चल रहे हैं। इनमें एक एसओएस ग्रीन फील्ड में है और दूसरा सेंट जोसफ सर्विस सोसायटी द्वारा चलाया जा रहा है। इन बाल देखभाल गृहों में त्याग किए गए अथवा अनाथ बच्चों को रखा जाता है। जहां इन बाल देखभाल गृहों की सुविधाओं के बारे में विस्तार से चर्चा भी की गई।
– ये है हरिहर योजना
सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में हरिहर योजना बिना घर के बच्चों के लिए चलाई गई है। इसके तहत बच्चों को शिक्षा, ट्रेनिंग व ग्रुप सी व डी की नौकरी भी दी जाती है। शादी के बाद उन्हें घर बनाने के लिए बिना ब्याज के लोन भी मुहैया करवाया जाता है। वहीं सीसीआई में रहने के दौरान उन्हें समाज कल्याण विभाग के माध्यम से 2500 रुपये पेंशन भी मिलती है।
वहीं18 वर्ष की आयु तक सरकार खर्च वहन करती है।
एक्सग्रेसिया पॉलिसी के तहत ग्रुप सी व डी की नौकरी भी दी जाती है। इसके अलावा उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले अनाथ बच्चे लिखित परीक्षा देकर ग्रुप ए व बी की नौकरी पा सकते हैं।
प्रदेश में अनाथ बच्चों का पालन-पोषण सरकार की ओर से किया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश सरकार की ओर से हरिहर योजना चलाई गई है। इस योजना के तहत बाल गृह में आने वाले ऐसे सभी बच्चों का पालन-पोषण और पढ़ाई का खर्च राज्य सरकार उठाएगी और 18 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद ऐसे युवाओं को सरकार सीधे एक्सग्रेसिया पॉलिसी में कवर करेगी और ग्रुप-सी और ग्रुप-डी दी नौकरी जाएगी। इसके लिए उन्हें किसी तरह के एग्जाम भी नहीं देने होंगे। अगर ऐसे युवा ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट करते हैं तो वे क्लास-वन और क्लास-टू की नौकरी के भी हकदार हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें लिखित परीक्षा पास करनी होती है। ऐसे सभी युवाओं को सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की कैटेगरी में रखेगी और नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था उन पर लागू की गई है। इसके साथ साथ शादी के बाद ठिकाना नहीं तो सरकार मकान का प्रबंध भी करती है।
नौकरी के बाद संबंधित युवक या युवती की शादी होने तक उनकी सैलरी बैंक खाते में जमा होगी। अगर उसे आगे की पढ़ाई जारी रखनी है या और कोई ट्रेनिंग या कोचिंग लेनी है तो वह खाते से 20 प्रतिशत तक पैसा ही निकलवा सकेगा। बाकी का पैसा उसे एक साथ उनके विवाह के मौके पर मिलेगा। वहीं अगर शादी के बाद भी उनके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं है, तो सरकार उनके लिए मकान का प्रबंध करेगी। आपको बता दें 8 मार्च, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में अनाथ बच्चों ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता के विषय में कोई जानकारी नहीं है को संरक्षण एवं आश्रय प्रदान करने के लिए ‘हरि हर योजना’ (Hari Har Scheme) की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक राज्य के अनाथालयों में आश्रय दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार अनाथ बच्चों के अभिभावक/संरक्षण की भूमिका निभा रही है। वहीं 18 वर्ष की आयु के बाद राज्य सरकार उनकी आगे की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। जिन अनाथ बच्चों ने शिक्षा पूरी कर ली है, वे 25 वर्ष की आयु तक अनुग्रह के आधार पर ग्रुप-सी और ग्रुप-डी सरकारी नौकरी के लिए पात्र होगे।यदि बच्चा स्नातक पूरा करता है, तो उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी (EWS) के तहत ग्रुप-ए और ग्रुप बी की सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रदान किया जाएगा।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त अपराजिता, एसीपी मुनेष सहगल, जिला बाल संरक्षण कमेटी के सदस्य और महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला संयोजक गितीका भी मौजूद रही।