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Chandigarh

हरियाणा से रोजाना 45 से ज्यादा लोग हो रहे लापता, प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं : दीपेन्द्र हुड्डा

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Chandigarh Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 19 मई। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने प्रदेश में विफल कानून-व्यवस्था, संगीन अपराधों में वृद्धि की खबरों पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि हरियाणा से रोजाना 45 से ज्यादा लोग लापता हो रहे हैं, प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। हरियाणा में जंगलराज है, यहाँ वही सुरक्षित है जिसे कोई मारना नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि सिर्फ इस साल जनवरी से मार्च तक के आंकड़ों को देखें तो प्रदेश से 4100 लोग लापता हुए हैं और 1000 से ज्यादा लोगों का अपहरण हुआ है। साथ ही मर्डर और गैर इरादतन हत्या की घटनाओं में भी पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। ये आंकड़े प्रदेश की बीजेपी सरकार के तहत आने वाले सार्वजनिक सुरक्षा तंत्र के विफल होने की गंभीर स्थिति का स्पष्ट प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि यह तो मात्र वो मामले हैं, जो पुलिस थानों में दर्ज हैं। बड़ी संख्या ऐसे मामलों की होती है जो न तो थानों तक पहुंचते हैं न कहीं रिपोर्ट दर्ज होती है। आये दिन अखबारों के पन्ने हत्या, अपहरण, फिरौती, लूट जैसी घटनाओं की खबरों से भरे रहते हैं। ऐसा लगता है जैसे प्रदेश में सरकार चल ही नहीं रही बल्कि सोई हुई है। राज्य के मानवाधिकार आयोग ने तो इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हरियाणा पुलिस से 8 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी है, लेकिन प्रदेश सरकार इस मामले का संज्ञान तक लेने को राजी नहीं।

उन्होंने कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार की सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स (SPI) रिपोर्ट में हरियाणा को देश का सबसे असुरक्षित राज्य करार दिया गया है। NCRB (गृह मंत्रालय) के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में हरियाणा महिलाओं, बच्चों के खिलाफ अपराध, बलात्कार, अपहरण, डकैती के मामले में में नंबर-1 पर रहा। खुद एनसीआरबी के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में रोज 3-4 लोगों की हत्या होती है। रोज 4-5 महिलाओं के साथ रेप, दर्जनभर अपहरण और करीब 100 चोरी, लूट, डकैती व फिरौती जैसी वारदातें होती हैं। बीजेपी सरकार ने प्रदेश में ऐसे हालात बना दिए हैं कि आज न तो कानून बनाने वाले जनप्रतिनिधि सुरक्षित हैं, न कानून की पालना करवाने वाली पुलिस, न ही आम जनता सुरक्षित है। प्रदेश में अपराधी बेखौफ हैं और जनता खौफ के साए में जी रही है।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि अपहरण का शिकार महिलाएं और बच्चे बंधुआ मजदूरी, यौन शोषण और मानव अंग के अवैध व्यापार जैसी आपराधिक गतिविधियों का शिकार भी होते हैं। कई मामलों में गुमशुदगी फिरौती के लिए हत्या या अन्य गंभीर अपराधों में परिवर्तित हो जाती है। ऐसे में सरकार को तुरंत इस मामले का संज्ञान लेकर गंभीरता से कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि अपराध पर अंकुश लग सके।

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