Faridabad NCR
पंजाब अग्रवाल समाज की 151 महिलाओं ने निकाली भव्य कलश यात्रा
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : पंजाब अग्रवाल समाज(रजि0.) द्वारा आयोजित श्रीमद़भागवत कथा ज्ञानयज्ञ की शुरूआत बड़ी धुमधाम से की गई। इस मौके पर 151 महिलाओं ने बैड बाजे और ढोल नगाड़ों के साथ हनुमान मंदिर सेक्टर-11(नजदीक पुलिस चौकी ) से भव्य कलश यात्रा कथा स्थल तेरापंथ भवन के लिए निकाली कलश यात्रा से पूर्व पंजाब अग्रवाल समाज के सरंक्षक पवन गर्ग, सुरेश बंसल (टीपू जी) अध्यक्ष रान्ति देव गुप्ता,उपाध्यक्ष अवतार सिंह मित्तल, महासचिव बनवारी लाल गर्ग, सचिव अम्बरीश गोयल,अनिल गर्ग,वित्त सचिव राजेन्द्र गर्ग,कोषाध्यक्ष राकेश सिंगला व सतीश गर्ग,अश्वनी गर्ग, अमित गर्ग (मोना) सुरेश सिंगला, ओमपाल मित्तल, टेकचन्द गर्ग, जयपाल सिंगला, उषा रानी गर्ग, अनूप गुप्ता ने कथा स्थल तेरापंथ भवन में पूजा अर्चना की। इसके उपरांत श्री हनुमान मंदिर सेक्टर-11 में कथा व्यास परम श्रद्वेय जगदगुरू रामानुजाचार्य परम पूज्य स्वामी डॉ. श्री राघवाचार्य जी महाराज(अयोध्या वाले) का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया और सभी ने मिलकर मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके उपरांत फूलों से सजी बगी में परम श्रद्वेय जगदगुरू रामानुजाचार्य परम पूज्य स्वामी डॉ. श्री राघवाचार्य जी महाराज(अयोध्या वाले) को पगड़ी पहनाकर पूरे आदर सम्मान के साथ बिठाने के बाद भव्य कलश यात्रा सेक्टर 10-11 डिवाईडिंग रोड़ होते हुए कथा स्थल पर पहुंच जहां पूरे विधि विधान से कलशों की स्थापना की गई। इस मौके पर रान्ती देव गुप्ता ने कहा कि कलश सुख समृद्वि का प्रतीक है और इस कलश यात्रा से यह संदेश जाता है कि चारों और लोगों में प्यार,भाईचारा और विश्वास बड़े कोई किसी का बुरा ना सोचे और हर तरफ खुशहाली के साथ किसी भी घर में अनाज की कमी ना हो। इस तरह के धार्मिक आयोजनों से लोगों में भक्ति भाव की भावना जागृत होने के साथ साथ मन को शांति भी मिलती है। रान्ति देव गुप्ता ने कहा कि भागवत कथा में कथा व्यास परम श्रद्वेय जगदगुरू रामानुजाचार्य परम पूज्य स्वामी डॉ. श्री राघवाचार्य जी महाराज(अयोध्या वाले) अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा करेगें। बनवारी लाल ने कहा कि इंसान को कभी ईष्या नहीं करनी चाहिए और हमेशा दूसरों की भलाई के बारे में सोचना चाहिए। उन्होनें कहा कि संसार में सुख-दुख तो आते जाते रहते है इसलिए सच्चा इंसान वही है जो बुरे वक्त में किसी का साथ ना छोड़े।