Faridabad NCR
कलाकारों के लिए ₹10000 की पेंशन का प्रावधान ऐतिहासिक और कला को बढ़ावा देने वाला कार्य : सुनील राव

Gurugram Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : भारतीय जनता पार्टी के कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री सुनील राव ने हरियाणा के बजट में कलाकारों के लिए पेंशन का प्रावधान करने को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार जताया है और कला जगत के लिए इसे एक ऐतिहासिक फैसला बताया है।
हरियाणा के लिए पेश किए गए अमृत काल के पहले बजट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की कि अब बुजुर्ग कलाकारों को भी ₹10000 की मासिक पेंशन दी जाएगी।
बजट में की गई इस ऐतिहासिक घोषणा का चारों तरफ स्वागत किया जा रहा है।
कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ के संयोजक सुनील राव ने बताया कि अरसे से कलाकारों के लिए पेंशन की मांग थी और भारतीय जनता पार्टी की नीतियों का ये प्रमुख हिस्सा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने बजट में कलाकारों का जो ख्याल किया है, उससे एक निश्चित उम्र के बाद अपना जीवन यापन करने में कलाकारों को संजीवनी की तरह बहुत बड़ी सहायता मिलेगी।
हरियाणा सरकार इससे पहले 60 वर्ष से ऊपर के पत्रकारों, हिंदी भाषा के आंदोलनकारियों और इमरजेंसी के समय जेल गए सेनानियों को भी ₹10000 मासिक पेंशन दे रही है।
सुनील राव ने आगे बताया कि भारतीय जनता पार्टी के हरियाणा में सरकार बनने के बाद से प्रदेश भर में कला संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने का एक सकारात्मक माहौल बना है।
हरियाणवी फिल्मों और कला को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री जी ने जो फिल्म नीति घोषित की है, उससे भी संस्कृति और पर्यटन को बहुत बढ़ावा मिला है।
भारतीय जनता पार्टी की सोच, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की नीतियों के अनुरूप समाज के हर तबके को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा देने की रही है, जिनको कहीं ना कहीं सरकार से सहायता की जरूरत थी। सुनील रॉव ने बताया प्रकोष्ठ के सह संयोजक अभिषेक देशवाल ने 2021 में मुख्य्मंत्री आवास पर हुई प्रकोष्ठ की बैठक में विशेष तौर पर कलाकारों की पेंशन के लिए मुख्यमंत्री जी से बात करते कहा कि सरकार के लिए काम करते हुए कलाकार बूढ़ा हो जाता है तो सरकार की जिमेदारी है कि उनका ख्याल रखा जाए।
सुनील राव ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद करते हुए ये उम्मीद भी व्यक्त की है कि आने वाले समय में कला जगत के उत्थान के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार सदैव तत्पर रहेगी और हमारा लक्ष्य हरियाणवी कला, संस्कृति और पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की है। ताकि हरियाणवी कला को एक वैश्विक पहचान मिल सके।