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Faridabad NCR

70 वर्षीय महिला ने 8 साल बाद फिर दी ब्रेस्ट कैंसर को मात

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 1 जून। अगर इंसान के अंदर जीने की दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो वह बड़ी से बड़ी बाधा पर फ़तेह हासिल कर सकता है। सेक्टर-16 स्थित मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में ब्रेस्ट कैंसर स्टेज 4 के साथ आई 70 वर्षीय अनीता जेटली ने ऐसा ही जज्बा दिखाया। मरीज ने कैंसर को न केवल एक बार मात दी बल्कि 8 साल बाद फिर से पूरी बहादुरी के साथ कैंसर को हरा दिया। डॉ. सनी जैन, एचओडी-ऑन्कोलॉजी, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद ने बताया कि फरीदाबाद से 70 वर्षीय अनीता जेटली 2023 में ब्रेस्ट कैंसर स्टेज 4 के साथ हमारे पास आई तो उस समय मरीज को कमर के नीचे वाले हिस्से में दर्द था, खांसी थी, तेजी से वजन कम हो रहा था। स्कैन करने पर पता चला कि कैंसर काफी जगह पर फैला हुआ था। ब्रेस्ट कैंसर के चलते मरीज का हार्मोन पॉजिटिव था। हमने मरीज को कोई कीमोथेरेपी नहीं दी। मरीज का केवल हार्मोनल थेरेपी द्वारा ही इलाज किया गया। उसे महीने में एक इंजेक्शन लगाया जाता था। लगातार 14 महीने तक मरीज को इंजेक्शन दिए गए। 8 इंजेक्शन के बाद जब स्कैन किया गया तो मरीज 100 परसेंट रोग मुक्त हो गई। अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है और सामान्य जिंदगी जी रही है।

शुरुआत में मरीज ने 2015 में किसी अन्य हॉस्पिटल में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कराया था। मरीज की ब्रैस्ट की सर्जरी हुई थी, सर्जरी के बाद मरीज को कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी भी दी गई थी। उस समय मरीज ठीक भी हो गयी थी लेकिन 2023 में मरीज की बीमारी फिर से उभर गई इसलिए फिर से मरीज की बायोप्सी टेस्ट किया गया जिसमें पता चला कि मरीज का हार्मोन पॉजिटिव है।

उन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम ज्यादा होता है जिन्हें कम उम्र में पीरियड का शुरू होते हैं, मासिक धर्म का 55 की उम्र के बाद बंद होते हैं, ब्रैस्ट कैंसर की फैमिली हिस्ट्री हो, फैमिली में बीआरसीए जीन में गड़बड़ हो, ओवेरियन या ब्रैस्ट कैंसर की हिस्ट्री है, ओबेसिटी, धूम्रपान करना, शराब का ज्यादा सेवन, किसी महिला की शादी न होना या जो महिलाएं डिलीवरी के बाद अपने बेबी को स्तनपान नहीं कराती हैं।

आज कम उम्र (30-40 वर्ष) की महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं क्योंकि बीमारी के प्रति जागरूकता के चलते रोग की ठीक समय पर जाँच हो रही है। ब्रेस्ट कैंसर का मुख्य कारण सुस्त जीवनशैली, महिलाओं द्वारा अत्यधिक धूम्रपान एवं शराब का सेवन करना है।

लक्षण नज़रंदाज न करें: ब्रेस्ट के साइज़ में बदलाव आना, निप्पल की हाइट में बदलाव आना, ब्रेस्ट की त्वचा का रंग बदलना, निप्पल से ब्लड, दूध या पस की तरह का डिस्चार्ज आना, निप्पल का अंदर की तरफ घुसना, ब्रैस्ट में गांठ होना, बगल में गांठ होना।

सलाह: अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव करना बेहद जरूरी है। नियमित व्यायाम करें, पोषण से भरपूर संतुलित आहार लें, धूम्रपान एवं शराब के सेवन से दूर रहें, शरीर के बढ़ते वजन को नियंत्रित करें, महिलाओं को डिलीवरी को बाद अपने बेबी को तय समय तक स्तनपान जरूर कराना कराना चाहिए इससे उन्हें भविष्य में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम कम हो जाता है। जिनके परिवार में ब्रेस्ट कैंसर या ओवेरियन कैंसर की हिस्ट्री है, उन्हें अधिक सतर्क रहना चाहिए। उन्हें समय पर स्क्रीनिंग करानी चाहिए। इन महिलाओं को सीसे के सामने अपनी छाती की खुद से भी जाँच करनी चाहिए। किसी भी प्रकार की गांठ का पता चलने पर उसे नज़रंदाज न करें, तुरंत डॉक्टर से मिलें।

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