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Faridabad NCR

लोधी राजपूत जन कल्याण समिति फरीदाबाद द्वारा श्रद्धांजलि सभा का किया आयोजन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 23 अगस्त। लोधी राजपूत जन कल्याण समिति फरीदाबाद द्वारा सैक्टर-50 डबुआ कालोनी स्थित कार्यालय पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समिति के सदस्यों ने अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी के बलिदान दिवस के अवसर पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
लोधी राजपूत जन कल्याण समिति फरीदाबाद के संस्थापक लाखन सिंह लोधी ने उपस्थित सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश की आजादी में लोधी-राजपूत समाज का बहुत बड़ा योगदान रहा है। अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी जिनका योगदान भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहा है, लेकिन दुर्भाग्य यह रहा है कि अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी को इतिहासकारों ने पूरी तरह से उपेक्षित रखा है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनेक वीर वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध खुला विद्रोह किया और स्वतंत्रता की खातिर शहीद हो गये। इन्हीं शहीदों में क्रांतिवीर गुलाब सिंह लोधी का नाम भी शामिल है। जिन्होंने अपने प्राणों की बाजी भारत मां को आजादी दिलाने के लिए लगा दी। उनका जन्म एक किसान परिवार में उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के ग्राम चन्दीकाखेड़ा (फतेहपुर चैरासी) के लोधी परिवार में सन 1903 में श्रीराम रतनसिंह लोधी के यहां हुआ था। लखनऊ के अमीनाबाद पार्क में झण्डा सत्याग्रह आन्दोलन में भाग लेने उन्नाव जिले के कई सत्याग्रही जत्थे गये थे, परन्तु सिपाहियों ने उन्हें खदेड़ दिया और ये जत्थे तिरंगा झंडा फहराने में कामयाब नहीं हो सके। इन्हीं सत्याग्रही जत्थों में शामिल वीर गुलाब सिंह लोधी किसी तरह फौजी सिपाहियों की टुकडिय़ों के घेरे की नजर से बचकर आमीनाबाद पार्क में घुस गये और चुपचाप वहां खड़े एक पेड़ पर चढऩे में सफल हो गये। क्रांतिवीर गुलाब सिंह लोधी के हाथ में डंडा जैसा बैलों को हांकने वाला पैना था। उसी पैना में तिरंगा झंडा लगा लिया, जिसे उन्होंने अपने कपड़ों में छिपाकर रख लिया था। क्रांतिवीर गुलाब सिंह ने तिरंगा फहराया और जोर-जोर से नारे लगाने लगे, तिरंगे झंडे की जय, महात्मा गांधी की जय, भारत माता की जय। अमीनाबाद पार्क के अन्दर पर तिरंगे झंडे को फहरते देखकर पार्क के चारों ओर एकत्र हजारों लोग एक साथ गरज उठे और तिरंगे झंडे की जय, महात्मा गांधी की जय, भारत माता की जय। झंडा सत्याग्रह आन्दोलन के दौरान देश की हर गली और गांव शहर में सत्याग्रहियों के जत्थे आजादी का अलख जगाते हुए घूम रहे थे। झंडा गीत गाकर, झंडा ऊंचा रहे हमारा, विजय विश्व तिरंगा प्यारा, इसकी शान न जाने पावे, चाहे जान भले ही जाये, देश के कोटि-कोटि लोग तिरंगे झंडे की शान की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने के लिए दीवाने हो उठे थे।
इसके बाद कार्यालय पर एक राज्य स्तरीय बेवीनार सेमीनार का आयोजन किया गया। जिसमें हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्यस्तरीय महत्वाकांक्षी परियोजना बाल सलाह परामर्श व कल्याण केंद्रों के अंतर्गत लोधी राजपूत जन कल्याण समिति फरीदाबाद के माध्यम से ऑनलाइन मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवाएं प्रदान करने हेतु आयोजित कार्यक्रम (सवाल आपके-जवाब हमारे) के माध्यम से विभिन्न तरह की समस्याओं के समाधान हेतु भिजवाए गए सवालों जिनमें मुख्यत बुजुर्ग मां-बाप की संतान द्वारा की जा रही अनदेखी, किशोरावस्था में पढ़ाई के प्रति एकाग्रता का अभाव, किशोरों के मनोविश्लेषण के तरीके, तनाव कम करने के उपाय, कोरोना काल में शिक्षार्थियों के परामर्श का महत्व, किशोर समस्या समाधान, पारिवारिक वस्तुस्थिति से अवगत करवाने के तरीके, अंतरजातीय विवाह, दहेज प्रथा, बच्चों के भविष्य की नौकरियों के संबंधी विभिन्न तरह के सवालों के जवाब मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी व राज्य नोडल अधिकारी, अनिल मलिक द्वारा देते हुए बताया गया कि समस्या तब तक समस्या है जब तक उसका निदान ना ढूंढ लिया जाए। बाल्यावस्था के दौरान परवरिश के तौर तरीके तथा किशोरावस्था के दौरान मां-बाप का मित्र व सहयोग पूर्ण व्यवहार बच्चों में मन की बात सांझा करने का साहस उत्पन्न करता है। बच्चे हमेशा अनुकरण से ही सीखते हैं। उन्हें कुछ भी सिखाने की आवश्यकता नहीं होती माता पिता सिर्फ  उम्र में नहीं विचार और सोच में भी बड़प्पन दिखाएं पहले स्वयं संस्कारी बने बच्चों में संस्कार खुद ब खुद आ जाएंगे। इस तरह की समझ विकसित करनी होगी यह भी समझना होगा कि संस्कार कोई भौतिक वस्तु नहीं है जिसे पैसे से खरीदा जा सके। 21वीं सदी में सरवाइव करना है तो बच्चों में सिविक सेंस और मैनर्स विकसित करने होंगे। समय बदल रहा है सोच, व्यवहार नजरिया सब कुछ बदलना होगा किशोर बच्चों के मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक बदलाव की समझ होनी चाहिए।
इस श्रद्धांजलि सभा में लाखन सिंह लोधी, रूप सिंह लोधी, पूर्ण सिंह, होती लाल, लोधी, ओम प्रकाश, जागेश्वर, रामगोपाल, महेंद्र सिंह, नंदकिशोर, धर्मपाल, महिपाल आदि मौजूद थे।

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