Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : पुलिस उपायुक्त, अपराध, सहायक पुलिस आयुक्त, अपराध एवं क्राइम ब्रांच प्रभारियों की एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पुलिस आयुक्त, फरीदाबाद श्री ओ॰पी॰ सिंह ने कहा कि एक पुलिस अधिकारी को धक्का स्टार्ट नहीं, सैल्फ स्टार्ट होना चाहिए यानि कहने बाद काम करने वाला होने की बजाए परिस्थियों और कानून के मुताबिक स्वतः संज्ञान लेने वाला और स्मार्ट होना चाहिए एक पुलिस अधिकारी को।
उत्कृष्ट कार्य निष्पादन करने वाले पुलिस कर्मियों की स्टोरी का मीडिया में प्रकाशन किया जाना चाहिए, इससे उनको प्रोत्साहन और दूसरों को प्रेरणा मिलती है।
बीट अफसरों के माध्यम से फरीदाबाद में वाहन की चोरी रोकने के लिए नागरिकों को जागरूक किया जाए कि वे अपने वाहनों को असुरक्षित स्थानों पर पार्क न करें। वाहनों में एंटी थैप्टिंग एलार्म सिस्टम या अतिरिक्त लाॅक आदि उपकरण लगवाएँ।
इसके अतिरिक्त ऐसे अपराधियों को भी अपराध की दुनिया से निकालने के लिए हर संभव युक्ति का प्रयोग किया जाए, जो किसी प्रकार के नशे की लत के शिकार हैं और उसकी पूर्ति के लिए ही अपराध करते हैं। अपराधियों पर कानून का शिकंजा कसने में कोई ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए।
जिला कारागार से पेरोल एवं जमानत पर या सजा पूर्ण होने उपरांत रिहा होने वाले बंदियों की जानकारी भी नियमित लेते रहना चाहिए। क्योंकि ये लोग कई बार बाहर आकर पुनः अपराध में संलिप्त हो जाते हैं।
इसके अलावा जघन्य अपराध के बंदियों से मिलने जाने वाले व्यक्तियों की जानकारी भी क्राइम ब्रांच के पास होनी चाहिए। अधिकारियों को और अधिक लग्न, मेहनत और होशियारी के साथ योजनापूर्ण तरीके से कार्य करने के लिए प्रेरित करते हुए संगोष्ठी का समापन किया गया।