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Faridabad NCR

पुलिस उपायुक्त, अपराध श्री मकसूद, आई.पी.एस. को दी गई विदाई

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj :  फरीदाबाद से गुरूग्राम स्थानांतरित हुए पुलिस उपायुक्त, अपराध श्री मकसूद, आई॰पी॰एस॰ को कार्यालय पुलिस आयुक्त, फरीदाबाद में पुलिस उपायुक्त, मुख्यालय डाॅ॰ अर्पित जैन, सहायक पुलिस आयुक्त, मुख्यालय श्री आदर्शदीप व श्री जयपाल सिंह सहित अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति में विदाई देते हुए पुलिस आयुक्त श्री ओ॰पी॰ सिंह द्वारा कहा गया कि फरीदाबाद में तैनाती की समयावधि के दौरान उनकी सेवाएँ सराहनीय रही हैं।
इनके निर्देशन में सभी सी॰आई॰ए॰ और क्राइम ब्रांचों ने अभियोगों के अनुसंधान के कार्यों का उत्कृष्टता से निष्पादन किया है। आशा करते हैं कि आप जहाँ भी जाएँगे लालच और भय से परे अपने कर्तव्य पालन के प्रति इस प्रकार निष्ठावान रहेंगे। पुलिस आयुक्त महोदय द्वारा अपने माता-पिता से मिले संस्कारों का जिक्र करते हुए कहा गया कि हमें कभी भी अपने हित के लिए जानबूझ कर और योजनापूर्ण तरीक से दूसरों का अहित नहीं करना चाहिए।
बिना मेहनत का पैसा कभी व्यक्ति का कल्याण नहीं कर सकता। हमें इस विभाग के माध्यम से मानव सेवा का समुचित अवसर प्रदान किया गया है। अतः हमें शुभ कर्माें की पूंजी का निरंतर संचय करना चाहिए, क्योंकि देहत्याग के पश्चात इस संसार में कमाई गई मुद्रा की बजाए यही पूंजी काम आती है।
गलत काम करने से गलत लोगों से तथा अच्छे कार्य करने से अच्छे लोगों से संबंध स्थापित होते हैं। जीवन में किसी से विचार-विषमता हो तो उससे बात करके दूर करना अति उत्तम युक्ति है। हमे समस्या पैदा करने वाला बनने की बजाए समस्याओं के समाधान का हिस्सा बनना चाहिए। हम पुलिस विभाग में रहते हुए पब्लिक की प्रोपर्टी हैं। पुलिस विभाग में सेवाओं के दौरान स्थानांतरण हमारे हाथ में नहीं होता। हम एक उस मजदूर की भाँति हैं, जो अपने औजार लिए काम की तालाश घर से बाहर है। पता नही उसे कौन पकड़कर काम के लिए कहाँ ले जा सकता है। हमें अपने अधिनिस्थ अधिकारी व कर्मचारियों को कोई छोटा-बड़ा नहीं समझना चाहिए। ये केवल एक व्यवस्था है, जिसमें गुणवत्ता के आधार पर दायित्व सौंपे गए हैं।
 हमें पुलिस को अपना परिवार समझना चाहिए, जिसमें भूल के लिए कोई सजा न हो और लापरवाही, भ्रष्टाचार एवं दुराचार के लिए कोई छूट ना हो। इस संसार में नियमों पर चलना ही हमारी सुरक्षा की गारंटी है। अगर हमने कार्य अच्छे किए हैं, तो हमें जीवन में कुछ अशुभ होने की चिंता छोड़ देनी चाहिए। अंत में अल्पाहार और शुभकामनाओं के साथ विदाई समारोह का समापन किया गया।
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