Faridabad NCR
बिजली ना आने से मल्टीनेशल कंपनियों और बीपीओ के कर्मचारी हुए परेशान
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण(ईपीसीए) द्वारा 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत फरीदाबाद सहित पूरे एनसीआर में डीजल जनरेटर चलाने पर पांबदी लगाने से उघोग धंघों पर बुरा असर पडऩा शुरू कर दिया है और उघोगपति नियम लागू होने के दूसरे दिन से ही त्राहि त्राहि करने लग गए है। आज फरीदाबाद-बदरपुर बार्डर के पास एनएचपी चौक स्थित एसएसआर कॉरपोरेट पार्क जिसमें लगभग 50 के करीब मल्टीनेशनल कंपनियां और बीपीओ है जिसमें 24 घण्टे काम होता है। आज सुबह 7 बजे से बिजली गुल हो गई और जनरेटर ना चलाने आदेश के कारण मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी नीचे आ गए। इसी दौरान सुबह की शिफ्ट में काम करने वाले कंपनियों के कर्मचारी भी कॉरपोरेट पार्क के बाहर एकत्रित हो गए और बिजली आने का इंतजार करते रहे। कंपनियों ने एसएसआर के एमडी दिनेश जांगिड़ से फोन पर संपर्क किया और उन्हें पूरी बात बताई। तुरंत बिजली विभाग से संपर्क किया गया तो उन्होनें बताया कि कोई फाल्ट आ गया है। अखिकार लगभग 3 घण्टे बाद बिजली आई और फिर दोबारा काम शुरू हो सका। कंपनी के एमडी दिनेश जांगिड़ ने बताया कि हम सभी प्रदूषण को कम करने के पक्ष में है और पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण के निर्णय का स्वागत करते है परन्तु बिजली विभाग भी बिजली की आपूर्ति में कोई बाधा ना आए इसको लेकर सुनिश्चित करे। उन्होनें बताया कि हमारे यहां आईटी और बीपीओ कंपनियों में कुल मिलाकर लगभग 1200 लोग काम करते है। इससे हमारा तो क्या शहर का नाम बदनाम होता है। उन्होनें बताया कि कोरोना के कारण वैसे ही काम धंधे में बहुत गिरावट आ चुकी है इसलिए सरकार को चाहिए कि पहले बिजली की 24 धण्टे आपूर्ति हो ताकि हमे जनरेटर चलाने की नौबत ही ना आए। उन्होनें बताया कि आईटी कंपनियों का सारा अंतराष्ट्रीय व्यापार होता है और रोजगार देने के मामले में भी वो सबसे ऊपर है। अगर इस तरह उन्हें बिजली नहीं मिलेगी तो वो परेशान होकर किसी और जगह का भी रूख कर सकती है जिससे सरकार को रेवेन्यू का बहुत नुक्सान होगा और पड़े लिखे बच्चे बेरोजगार होगें।