Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : अभाविप पं.जवाहर लाल नेहरू महाविद्यालय इकाई ने रानी लक्ष्मीबाई जी की जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाया। छात्रसंघ अध्यक्ष कंचन डागर ने बताया रानी लक्ष्मीबाई एक ऐसी योध्दा थी जिन्होंने सबसे पहले स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल बजाया था और यह साबित किया की अंग्रेजो से लोहा लेने के लिए एक महिला ही काफी है। डागर ने रानी लक्ष्मीबाई के जीवन संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि हर लड़की को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। ताकि समाज में फैल रही बुराईयों और कुरूतियों को खत्म किया जा सकें।
छात्र नेता आदित्य मौर्य ने बताया झांसी की रानी ऐसी महान वीरांगना थी जिन्होंने भारतीय वसुंधरा को गौरवान्वित करने वाली 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम वीरांगना लक्ष्मीबाई लड़ते-लड़ते 29 वर्ष की आयु में अपने प्राणों को न्योछावर कर वीर गति को प्राप्त हो गई लेकिन जीते-जी अंग्रेजों को झांसी पर कब्जा नही करने दिया आइए हम ऐसे साहसी जीवन से प्रेरणा लें।
पूजा सिंह ने कहा रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झासी की रानी थी।और प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भारत का बिगुल बजाने वाले वीरों में से एक थी।
इस मौके पर मोनू कुमार, कविता, ज्योति, रमा, नेहा, मोहित, आदि कार्यकर्ता मौजूद रहें।