Faridabad NCR
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में ऑनलाइन इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 9 दिसम्बर। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 में अपने नये विद्यार्थियों के लिए एक सप्ताह तक चलने वाले ऑनलाइन इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन कर रहा है। कार्यक्रम का आयोजन डीन स्टूडेंट वेलफेयर के कार्यालय की देखरेख में किया जा रहा है।
इंडक्शन प्रोग्राम का उद्घाटन आज दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलपति डॉ. राजेंद्रकुमार अनायथ ने किया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. लखविन्दर सिंह ने अतिथि और प्रतिभागी विद्यार्थियों का स्वागत किया। सत्र का समन्वय डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. अनुराधा पिल्लई द्वारा किया गया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुद्रण तकनीक के प्रमुख अकादमीशियन डाॅ राजेन्द्र कुमार अनायत ने विद्यार्थियों के साथ अपने जीवन के अनुभव साझे किये तथा उन्हें जीवन में लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आप कितना ज्ञान रखते है, अपितु यह अधिक महत्वपूर्ण है कि आपके द्वारा अर्जित ज्ञान का सही उपयोग सुनिश्चित हो। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे जीवन में लक्ष्य निर्धारित करें तथा उसे प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करें।
इस अवसर पर बोलते हुए, कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने विश्वविद्यालय में नए विद्यार्थियों का स्वागत किया और कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण, विश्वविद्यालय भौतिक रूप में कक्षाओं का संचालन नहीं कर सकता, लेकिन ऑनलाइन मोड में विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी रखने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। उद्यमशीलता को करियर विकल्प के रूप में चुनने के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को नौकरी की चाह रखने की बजाय उद्यमी बनने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि विद्यार्थी उद्यमशीलता के लिए सार्थक प्रयास करेंगे तो विश्वविद्यालय भी उन्हें उद्यमशीलता को एक कैरियर विकल्प के रूप में चुनने के लिए पर्याप्त अवसर और सुविधाएं प्रदान करेगा।
कुलपति ने विद्यार्थियों को स्थानीय उद्योग को समाधान प्रदान करने की दिशा में काम करने और देश की आर्थिक वृद्धि के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को सहयोग देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि छोटे उद्योग गुणवत्ता के वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए अपने उत्पाद को बेहतर बनाने के लिए अनुसंधान में पैसा नहीं लगा सकते, इसलिए इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को ऐसे उद्योगों के साथ जुड़ना चाहिए और उनकी तकनीकी समस्याओं के समाधान प्रदान करने की दिशा में काम करना चाहिए। सत्र का समापन कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग के संबोधन से हुआ, जिसमें उन्होंने विभिन्न गुणवत्ता मानकों पर विश्वविद्यालय का संक्षिप्त परिचय दिया। इसके उपरांत, दूसरे सत्र को डीन क्वालिटी एश्योरेंस प्रो. संदीप ग्रोवर, डीन इंस्टीट्यूशंस प्रो. तिलक राज और डीन एकेडमिक प्रो. विकास तुर्क द्वारा भी संबोधित किया गया।