Faridabad NCR
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय जरूरतमंद विद्यार्थियों को देगा ब्याज मुक्त सुलभ लोन
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 19 जनवरी। वित्तीय कठिनाई के कारण फीस देने की असमर्थ विद्यार्थियों के लिए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने एक बार पुनः अनूठी पहल की है। इस सत्र से विश्वविद्यालय ने ऐसे विद्यार्थियों के लिए ब्याज मुक्त सुलभ लोन की सुविधा शुरू की है तथा जरूरतमंद विद्यार्थियों से 25 जनवरी, 2021 तक आवेदन आमंत्रित किए हैं।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद विद्यार्थियों की शत प्रतिशत फीस की प्रतिपूर्ति करने की नीति जारी की गई थी, जिसके अंतर्गत 153 विद्यार्थियों ने वित्तीय लाभ उठाया। अब विश्वविद्यालय ने नीति के अंतर्गत दायरे का विस्तार करने का निर्णय लिया है।
इस आशय की जानकारी देते हुए कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी के मद्देनजर विद्यार्थियों को वित्तीय राहत देने के लिए इस नीति की शुरुआत की गई थी, और इसके सफल कार्यान्वयन के बाद महसूस किया गया कि इस नीति का दायरा बढ़ाया जाये ताकि नियमित रूप से जरूरतमंद मेधावी विद्यार्थियों की मदद हो सके।
अब विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को ब्याज मुक्त सुलभ लोन की व्यवस्था की गई है ताकि वे अपनी फीस का भुगतान कर सकें। ऐसे विद्यार्थी पाठ्यक्रम के पूरा होने के बाद जब भी रोजगार प्राप्त करेंगे तो उन्हें अपनी लोन राशि को चुकाना होगा ताकि उस राशि से भविष्य में अन्य विद्यार्थी भी लाभ उठा सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त करने में भी मदद करेगा।
कुलपति ने कहा कि इस नीति के माध्यम से विश्वविद्यालय का उद्देश्य विद्यार्थियों में मातृ संस्थान के प्रति जुड़ाव पैदा करना तथा जीवन में अपनी जिम्मेदारियों को वहन करने में सक्षम बनाना है। इस पहल के लिए धनराशि का वहन विश्वविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ ‘माॅब’ द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। इस प्रकार, भविष्य में यह स्वतः सृजित एक वित्त कोष का चक्र विकसित होगा जोकि विद्यार्थियों का, विद्यार्थियों द्वारा और विद्यार्थियों के लिए होगा।
डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. लखविंदर सिंह ने बताया कि यह नीति ऐसे आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद विद्यार्थियों की मदद के लिए केन्द्रित है जोकि परिवार में वित्तीय समस्याओं के कारण फीस का भुगतान करने में असमर्थता है। ऐसी परिस्थितियों में अभिभावक या परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य की मृत्य, नौकरी या व्यवसाय में नुक्सान या परिवार में किसी सदस्य को ऐसी गंभीर बीमारी, जिस पर अत्याधिक व्यय होता हो या अन्य वैध कारण शामिल हैं।
डिप्टी डीन (छात्र सुविधा) डॉ. हरीश कुमार ने बताया कि नीति के अंतर्गत लाभ उठाने के इच्छुक विद्यार्थी 25 जनवरी 2021 तक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध प्रपत्र पर अपेक्षित प्रमाण के साथ संबंधित विभागाध्यक्षों के माध्यम से अपने दावे प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नीति के तहत विद्यार्थियों को 100 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।