Connect with us

Faridabad NCR

रक्तदान शिविर में महिलाओं का आगे आना सराहनीय कदम : पं. सुरेन्द्र शर्मा बबली

Published

on

Spread the love
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 4 अप्रैल। अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा एवं लाइफ लाइन चैरिटेबल ट्रस्ट सेंटर पलवल के संयुक्त तत्वाधान में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन गांव बघौला में किया गया। शिविर में 50 के लगभग यूनिट एकत्रित किया गया। रक्तदान में ग्रामीणों ने बढ़-चढकर भाग लिया। शिविर की विशेषता यह रही कि गांव की महिलाओं ने भी बढ़-चढक़र हिस्सा लिया और बड़े उत्साह से रक्तदान किया। शिविर के आयोजक पं. सुरेन्द्र शर्मा बबली ने कहा कि रक्तदान में जिस प्रकार से गांव की महिलाओं ने रूचि दिखाई वह काफी सराहनीय है और इससे बडी संख्या में महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने शिविर में आए हुए रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाया और कहा कि गांव में पहला रक्तदान शिविर आयोजित किया गया है। मगर, इसमें युवाओं एवं महिलाओं का उत्साह देखकर लगता है कि समय-समय पर यहां पर रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाना चाहिए। पं. सुरेन्द्र शर्मा बबली ने कहा कि रक्तदान महान दान है, इससे बड़ा कोई दान नहीं है, हम सभी को बढ़-चढक़र रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए। आपके रक्त की एक बूंद किसी का जीवन बचा सकती है। उन्होंने कहा कि गांव के ललित आजाद ने उनको रक्तदान शिविर लगाने का सुझाव दिया, जिसके तहत लाइफ लाइन चैरिटेबल ट्रस्ट सेंटर पलवल के सौजन्य से गांव में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। कैम्प की टीम इंचार्ज डॉ. सारा ने महिलाओं का हौसला बढ़ाया और रक्तदान से पहले सभी तरह के नियमों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि रक्तदान करने से पहले सभी मरीजों की उम्र, हीमोग्लोबिन एवं रक्त संबंधी अन्य जांच की जाती हैं। इस मौके पर सुरेन्द्र वशिष्ठ, दुलीचंद, वेदप्रकाश, ओमप्रकाश, शिवराम, पवन वशिष्ठ, कृष्ण वशिष्ठ, ललित पाराशर, शिव कुमार, विष्णु सहित सैंकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।
पति-पत्नी ने एक साथ किया रक्तदान : गांव के कृष्ण वशिष्ट एवं नीलम ने एक साथ किया रक्तदान। कृष्ण वशिष्ठ पेशे से एक दुकानदार हैं और 30 बार से अधिक रक्तदान कर चुके हैं। वह साल में 3 बार एन.एच.1 स्थित संतों के गुरुद्वारा में आकर रक्तदान करते हैं। उनकी पत्नी नीलम जोकि एक हाउसवाइफ हैं 4 बार रक्तदान कर चुकी हैं।
पत्रकार की पत्नी ने रक्तदान कर पेश की मिसाल : गांव बघौला की रजनी वशिष्ठ जोकि एक आशा वर्कर हैं और पत्रकार दयाराम वशिष्ठ की पत्नी हैं, ने इस मौके पर रक्तदान किया। उन्होंने अन्य महिलाओ को भी प्रोत्साहित किया और कहा कि रक्तदान से डरने की कोई आवश्यकता नहीं और न ही इससे किसी प्रकार की कमजोरी आती है। श्रीमती रजनी वशिष्ठ ने अपने शरीर के सभी अंगों का मृत्युपरांत दान करने की इच्छा प्रकट की।
Continue Reading

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com