Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : NSUI के संघर्ष के चलते हुए एक बार फिर से हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार को छात्रों की मांग के आगे झुकना पड़ा है। पिछले काफी दिनों से एनएसयूआई के बैनर तले छात्र एमडीयू यूनिवर्सिटी तथा उनसे संबंधित कॉलेजों में ऑनलाइन मोड़ में एग्जाम कराने की मांग कर रहे थे और आज वो मांग यूनिवर्सिटी ने मान ली है। 20 अप्रैल से होने वाली परीक्षाएं अब 1 मई से होंगी और ऑनलाइन मोड़ में होंगी। यह जानकारी एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने जारी बयान में कही।
एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए छात्रों में ऑफलाइन मोड़ में परीक्षाएं करवाने को लेकर रोष था और छात्र एनएसयूआई के बैनर तले लगातार अपनी आवाज उठा रहे थे। एनएसयूआई के संघर्ष चलते हरियाणा प्रदेश की अधिकांश यूनिवर्सिटियां छात्रों की मांग को मान चुकी थी और ऑनलाइन मोड़ में एग्जाम करा रही थी लेकिन कुछ एक यूनिवर्सिटियां ऐसी थीं जो की ऑफलाइन मोड़ में एग्जाम कराने पर अड़ी हुई थी जिनमें एमडीयू भी एक थी। कृष्ण अत्री ने बताया कि छात्रों को मांग को हरियाणा के शिक्षा मंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के समक्ष रखा और जब समाधान नहीं हुआ तो केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल को भी पत्र लिखकर छात्रों की मांग से अवगत करवाया। एनएसयूआई के संघर्ष के चलते 16 अप्रैल को प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया गया था और आज 17 अप्रैल को एमडीयू ने 20 अप्रैल से होने वाली परीक्षाओं को स्थगित करके 1 मई से ऑनलाइन मोड़ में कराने का फैसला लिया है जोकि महर्षि दयानंद विश्विद्यालय तथा उससे जुड़े हुए सभी कॉलेजों के छात्रों की जीत है।
कृष्ण अत्री ने कहा कि जब तक एनएसयूआई जैसा छात्र संगठन है तब तक छात्र अधिकारों को कोई हनन नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अगर सरकार के आदेश के बावजूद भी कोई यूनिवर्सिटी या कॉलेज ऑफलाइन मोड़ में एग्जाम कराने की हिम्माक्त करता है तो एनएसयूआई उसका डटकर विरोध करेंगी और उसे भी ऑनलाइन मोड़ में एग्जाम कराने पर मजबूर करेगी।