Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 10 मई। कोविड-19 महामारी का संकट सभी के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी करने वाला है। कोई भी वर्ग महामारी के कहर से अछूता नहीं है। महामारी ने परिवारों के परिवार को लील लिया है। ऐसे भी कई परिवार हैं, जिनमें बच्चों का पालनकर्ता ही कोई नहीं बचा है। ऐसे में बेसहारा बच्चों का भविष्य अंधकार में जाने का खतरा पैदा हो सकता है। इसी खतरे को देखते हुए हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद क्षेत्र में पिछले कई दशकों से लगातार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद बेसहारा बच्चों के जीवन में उजाले की नई किरण लेकर आई है। परिषद के मानद महासचिव प्रवीण अत्री ने कहा है कि कोरोना अपडेट अपने माता पिता को खोने वाले किसी भी बच्चे का भविष्य अंधकारमय नहीं होने दिया जाएगा। कोविड-19 महामारी ने जिन बच्चों के परिवार को लील लिया है। उन बच्चों का पालन पोषण हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद करेगी। परिषद की यह घोषणा संकट के उस समय में आई है। जब अपनों को खो चुके बच्चों के जीवन पर अंधकार का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा चलाए जा रहे होम्स में बच्चों के पालन पोषण की पूरी व्यवस्था हैं। उन्होंने कहा कि परिषद द्वारा चलाए जा रहे होम बच्चों का एक परिवार हैं। जहां बच्चों को सभी सुविधायें मुहैया करवाई जाती हैं। प्रवीण अत्री ने कहा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद महासंकट के समय में पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश के हर बच्चे के साथ अभिभावक की तरह खड़ी है और बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाना ही परिषद का मुख्य उद्देश्य है।
जरूरत पर चाईल्ड हेल्पलाइन 1098 या नजदीकी बाल भवन में करें सम्पर्क
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महासचिव प्रवीण अत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन बच्चों के अभिभावक इस दुनिया में नहीं हैं। उनके जानकार बच्चों के पालन पोषण के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर और नजदीकी जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित बाल भवनों में सम्पर्क स्थापित कर सूचना दे सकते हैं। सूचना उपरांत कानूनी कार्यवाही पूरी कर ऐसे बच्चों को परिषद सहारा प्रदान करते हुए उनके पालन पोषण की जिम्मेदारी का वहन करेगी।
बेसहारा बच्चे को गोद देना या लेना गैरकानूनी
मानद महासचिव प्रवीण अत्री ने बताया कि बेसहारा बच्चे को बिना कानूनी कार्यवाही पूरी किए गोद लेना या देना पूरी तरह गैरकानूनी है। बेसहारा बच्चे को गोद देना या लेना कानूनी प्रक्रिया के तहत आता है। जोकि केंद्र सरकार की एजेंसी केंद्रीय दत्तक ग्रहण एजेंसी कारा की देखरेख में होता है। बच्चा गोद लेने के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और उसके लिए कारा की साइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही बच्चा गोद दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के अभिभावक कोविड-19 के चलते इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसे बच्चों की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 या नजदीकी बाल भवन में दी जा सकती है।