Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 17 मई। उपायुक्त यशपाल ने बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान अगर कोई बच्चा अनाथ हो जाता है तो उसकी सहायता के लिए तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन पर जानकारी दें। उन्होंने बताया कि कोराना संक्रमण के दौरान अगर कोई 0 से 18 वर्ष की आयु के बच्चा अनाथ हो गया है और उसको किसी भी मदद की आवश्यकता है तो वह तुरंत जिला बाल संरक्षण अधिकारी, बाल कल्याण समिति तथा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर जानकारी दें।
उपायुक्त ने बताया कि कानूनी प्रक्रिया के तहत ही किसी बच्चे को गोद लिया जा सकता है। यदि कोई बिना कानूनी प्रक्रिया के बच्चे गोद लेता है या देता है तो यह कानूनी अपराध है। जिसमें कानून रूप से सजा का प्रावधान भी है।
उपायुक्त ने बताया कि जिला बाल संरक्षण कार्यालय बच्चों की सहायता के लिए है। कोई बच्चा किसी भी संकट और शारीरिक या मानसिक रूप से पीड़ित है तो कोई भी व्यक्ति इसकी जानकारी जिला बाल संरक्षण कार्यालय, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दे सकता है। उन्होंने कहा कि जानकारी देकर बच्चे को मानव तस्करी से बचाया जा सकता है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी गारिमा सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों को कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से गोद भी लिया जा सकता है। जिला में ऐसा योग्य पात्र व्यक्ति बच्चे को गोद लेना चाहते है। जिन्होंने बच्चे को गोद प्रक्रिया के लिए पंजीकरण करवा रखा है। उन्हें पूर्ण कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से बच्चा गोद दिया जाने का प्रावधान है। कानूनी प्रक्रिया में पंजीकृत पात्रों की योग्यता और प्रमाणिकता की पूरी जांच की जाती है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि राज्य दत्तक ग्रहण एजेंसी पर बच्चे की गोद प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन निशुल्क पंजीकरण किया जा सकता है। जिसके लिए एजेंसी पात्र व्यक्ति की योग्यता की कानूनी जांच की प्रक्रिया पूरी करके बच्चा गोद देती है।