Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 22 मई। करीब एक महीने जिंदगी-मौत से जूझने के बाद ग्रेटर फरीदाबाद निवासी 44 वर्षीय राजेश कुमार को डाक्टरों के प्रयासों ने नया जीवन देने का काम किया है। कोरोना से ग्रस्त राजेश कुमार एक माह पूर्व अस्पताल में दाखिल हुए थे, जहां 21 दिन आईसीयू में हाई आक्सीजन पर रहने के बाद उनके बचने की संभावनाएं काफी कम थी, लेकिन अस्पताल के डाक्टरों ने हार नहीं मानी और उनके प्रयास रंग लाए। अस्पताल के वरिष्ठ छाती एवं श्वास रोग विशेषज्ञ डा. ने बताया कि सेक्टर-85 बीपीटीपी निवासी 44 वर्षीय राजेश कुमार को 18 अप्रैल, 2021 को कोरोना होने पर अस्पताल में दाखिल करवाया गया था, जहां उन्हें काफी मात्रा में आक्सीजन की जरूरत और स्थिति गंभीर होने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया। मरीज को लगभग 30 लीटर प्रति घण्टे के हिसाब से आक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी, जिस कारण आईसीयू में इस मरीज को बाईपेप मशीन पर हाईप्रेशर आक्सीजन पर रखा गया। डा. ने बताया कि इस मरीज को 21 दिन तक लगातार आईसीयू में रखना पड़ा क्योंकि मरीज को कोरोना के साथ-साथ बैक्टीरियल इंफेक्शन भी पाया गया, जिस कारण इस मरीज को विभिन्न प्रकार के एंटीबॉयटिक भी दिए गए। इलाज के दौरान मरीज की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बावजूद मरीज के फेफड़े काफी सिकुड़ गए थे, जिसे पोस्ट कोविड फाईब्रोसिस कहा जाता है। इस कारण मरीज की आक्सीजन की मात्रा भी काफी बढ़ानी पड़ी, जिससे मरीज की हालत में कभी सुधार होता तो कभी हालत गंभीर हो जाती परंतु परिवार के साथ-साथ इलाज उन्होंने हार नहीं मानी और मरीज का इलाज जारी रखा और उन्हें बड़ खुशी है कि मरीज आज पूरी तरह से स्वस्थ्य है। वहीं अस्पताल के रोग विशेषज्ञ डा. ने बताया कि उनके द्वारा भी इसी प्रकार के गंभीर कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया, विशेषकर जो कोविड पॉजिटिव मरीज लम्बे समय तक बाईपेप या वेंटीलेटर मशीन पर रहने के बावजूद ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज होकर गए है। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर एवं डायरेक्टर कार्डियोलॉजी डा. ने कोविडग्रस्त मरीजों के सफल इलाज के लिए डाक्टरों व उनकी टीम की हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि गंभीर मामलों का जिस प्रकार से डाक्टरों ने अपनी सूझबूझ से इलाज किया है, वह सराहनीय है और अस्पताल आपदा के इस दौर में लोगों को कोरोना व अन्य बीमारियों के बेहतर इलाज के लिए कृतसंकल्पित है और आगे भी अस्पताल के डाक्टरों की टीम का यही उद्देश्य रहेगा कि लोगों को बेहतर से बेहतर इलाज मुहैया करवाया जाए और मरीजों के जीवन को बचाया जाए, जिसके लिए वह पूरी तरह से प्रयासरत है।
कोरोना पर विजय उन्हें मिली, जिन्होंने हिम्मत नहीं हारी
संक्रमण के दौरान खुश रहने का करें प्रयास,
प्रॉटीन युक्त आहार का करे सेवन,
समय पर जांच व उपचार से मिलती है विजय,
भांप व काढा का प्रयोग फायदेमंद, घर का वातावरण सकारात्मक रखा, मिली सफलता,
आइसोलेशन के सिद्घांत को अपनाया। डर गया सो हार गया और साकारात्मक विचारों के साथ डाक्टरों की परामर्श से ईलाज लिया तो कोरोना मात दे गया। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. राजेश श्योकंद का है कि यह महामारी का दौर है। अनेक लोग इसकी चपेट में आए, लेकिन विजय उन्हीं को मिली है, जिन्होंने हिम्मत नहीं हारी। माहमारी होने पर उन लोगों को ही जेहन में रखना चाहिए, जिन्होंने इस को हराया है।
डॉ श्योकंद का कहना है कि जहां तक संभव हो सके संक्रमण के दौरान खुश रहने का प्रयास करें। वह सभी तरीके अथवा माध्यम अपनाएं, जिनसे व्यक्ति खुश रह सकता है। तनाव कतई न लें, प्रोटीन डाइट लें, मनोवैज्ञानिक दबाव में न आए, ऑक्सीमीटर से अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें तथा उसी स्थिति में चिकित्सक का परामर्श ले, जब ऑक्सीजन लेवल 93 से नीचे आता है। उनका कहना है कि सामान्यत: 5 से 7 दिन में यह संक्रमण समाप्त हो जाता है। पिछले दिनों कोरोना को परास्त करके दिन-रात लोगों की सेवा में लगे हुए हैं।
उनका कहना है कि समय पर जांच व उपचार आरंभ कर दिया जाए तो निश्चित रूप से व्यक्ति को विजय मिलती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को संक्रमण के दौरान सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।