Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : फरीदाबाद के सनफ्लैग अस्पताल को निजी हाथों में देने की बजाए उसे सरकारी अस्पताल बना देना चाहिए। ताकि लोगों को इस अस्पताल में सुलभ और सस्ता ईलाज उपलब्ध हो सके। यह कहना है भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदीश भाटिया का। श्री भाटिया ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज एवं केंद्रीय राज्यमंत्री एवं सांसद कृष्णपाल गुर्जर से मांग की है कि एचएसवीपी के अधीन इस अस्पताल को सरकारी हाथों में सौंप देना चाहिए।
श्री भाटिया ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि इस फरीदाबाद शहरी एवं तिगांव विधानसभा क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए सरकारी अस्पताल की कोई व्यवस्था नहीं है। यदि सरकार सनफ्लैग अस्पताल को राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द कर वहां अस्पताल बना देती है तो इससे इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी सुविधा हो जाएगी। फिलहाल इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में प्राईवेट अस्पतालों की भरमार हैं। इनमें मंहगी चिकित्सा सुविधा होने की वजह से गरीब वर्ग के लोगों को काफी परेशानी होती है।
भाजपा नेता श्री भाटिया ने कहा है कि हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने हमेशा से जनहित को ध्यान में रखते हुए सभी निर्णय लिए हैं। ऐसे में फरीदाबाद के लोगों को मुख्यमंत्री से पूर्ण उम्मीद और विश्वास है कि वह सनफ्लैग अस्पताल को निजी हाथों में नहीं जाने देंगे। इस अस्पताल को सरकारी अस्पताल के तौर पर विकसित किया जाएगा। श्री भाटिया ने केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ एवं केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के उस बयान का भी स्वागत किया है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री को प्राईवेट अस्पतालों की मनमानी और लूटखसोट पर लगाम लगाने का सुझाव दिया है। श्री भाटिया ने कहा कि इन अस्पतालों ने कोरोना पीडि़तों से जमकर लूट की है। इसलिए इन सभी पर अंकुश लगाए जाने की अति आवश्यकता है।
श्री भाटिया ने यह भी कहा कि हमने दूसरी लहर का सामना कर लिया है। इस लहर में हमने अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों को खोया है। मगर सरकार को तीसरी लहर का सामना करने के ठोस प्रबंध करने चाहिएं। इसलिए उनका भी यही सुझाव है कि सरकार फरीदाबाद के सनफ्लैग अस्पताल को जल्द से जल्द सरकारी हाथों में सौंपकर वहां आधुनिक कोविड सेंटर की स्थापना करे और विशेष तौर पर इस अस्पताल में बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड का निर्माण किया जाए। कोरोना की तीसरी लहर का सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर पडऩे की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसलिए उनका निवेदन है कि सरकार इस दिशा में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाकर लोगों को तीसरी लहर के प्रकोप से बचाने का काम करे।