Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : पुलिस कमिश्नर श्री ओपी सिंह के दिशा निर्देश पर फरीदाबाद पुलिस अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए एक के बाद एक कार्रवाई कर रही है।
हाल ही में पुलिस कमिश्नर ओ पी सिंह ने जोनल डीसीपी को उनके जोन के थाना प्रभारियों चौकी इंचार्ज को थाना क्षेत्र में ऐशे अपराधियों को चिन्हित करने के दिशा निर्देश जारी किए थे।जिनके खिलाफ चोरी, लूट और मारपीट के दो या दो से अधिक मामले दर्ज हैं।
पुलिस कमिश्नर श्री ओ पी सिंह ने आज अपने कार्यालय सेक्टर 21c में सभी डीसीपी, एसीपी के साथ साप्ताहिक बैठक मे जानकारी देते हुए बताया की श्रीमती अंशु सिंगला डीसीपी एनआईटी के नेतृत्व में प्रत्येक थाना एवं चौकी ने करीब 324 ऐसे अपराधियों की सूची तैयार की है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने ऐसे 324 अपराधियों की जो सूची तैयार की है जिनके खिलाफ चोरी, लूट या मारपीट के दो या दो से अधिक मामले दर्ज है| बार-बार अपराध करने पर इन अपराधियों की पुलिस रूल(नियमावली) 22.62 के अनुसार हिस्ट्रीशीटर व पर्सनल फाइल खोली जाती है।
पुलिस रूल नियमावली 22.62 के अनुसार हिस्ट्रीशीट व् पर्सनल फाइल के दो भाग होते हैं प्रथम और द्वितीय भाग|
प्रथम भाग:- फार्म नंबर 23.14 (1) a पर तैयार किया जाता है इस भाग में अपने थाना के इलाके में रहने वाले तमाम हिस्ट्रीशीट और पर्सनल फाइल व्यक्तियों के नाम कर्म सख्यां अनुसार दर्ज किए जाते हैं।
एक व्यक्ति /आरोपी को जो पर्सनल फाइल नंबर अलाट हो जाता है वह तब तक उसी के नाम पर रहता है जब तक कि उस व्यक्ति की मृत्यु ना हो जाए या किसी अन्य कारण से पर्सनल फाइल नंबर नष्ट ना कर दिया जाए या वह व्यक्ति पक्के तौर पर किसी दूसरे थाना के इलाका में रिहायश तब्दील न कर ले तब तक उसका पर्सनल फाइल नंबर किसी दूसरे व्यक्ति को अलाट नहीं किया जाता है।
कोई व्यक्ति /आरोपी जो पक्के तौर पर अपनी रिहायशी बदल लेता है तो उसकी पर्सनल फाइल दूसरे उसके रियायशी थाने में भेज दिए जाने पर या उसकी मुत्यु होने पर इस थाने में से उसका पर्सनल फाइल नंबर खाली हो जाता है। जब भी किसी व्यक्ति आरोपी को कोई पीएफ नंबर अलाट करना होता है तो पहले वही नंबर अलाट किया जाएगा जो खाली पड़ा हो।
किसी पर्सनल फाइल व्यक्ति/आरोपी का पीएफ नंबर नष्ट करने के लिए राजपत्रित अधिकारी के आदेश प्राप्त होने पर रजिस्टर में संबंधित नंबर के आगे आदेश को चिपका दिया जाता है राजपत्रित अधिकारी रजिस्टर में भी अपने हस्ताक्षर करते हैं संबंधित अधिकारी यह सब अपने सामने नष्ट करवाते हैं
द्वितीय भाग में यह फार्म 23.14 (1) b पर तैयार किया जाता है इस भाग में अपने थाना के तमाम पर्सनल फाइल वाले व्यक्ति जिनका नाम प्रथम भाग में दर्ज है के नाम वर्णमाला अनुसार दर्ज किए जाते हैं और उनका पीएफ नंबर उनके नामों के सामने लिखा जाता है।
रजिस्टर नंबर 11 की प्रथम भाग में किसी भी इन्द्राज में कोई भी परिवर्तन किया जाता है तो उसी समय इस द्वितीय भाग में भी संबंधित इन्द्राज में परिवर्तन साथ -साथ कर दिया जाता है।
सम्पति विरुद्ध एवं मानव शरीर विरुद्ध अपराध करने वाले ऐसे अपराधियों को थाने का दुष्चरित्र व्यक्ति (BC, बेड करैक्टर) कहलाते है | पुलिस लगातार इन पर निगरानी रखती है।
डीसीपी एनआईटी डॉ अंशु सिंगला ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर का मतलब है कि आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त व्यक्ति, जिसका पहले से भी कई आपराधिक रिकॉर्ड्स रहा हो, साथ ही वह शख्स लगातार अपराध करता रहा हो, उसके अपराधों के रिकार्ड्स को एक जगह रखा जाता है, अमूमन किसी बड़े अपराधी का आपराधिक रिकॉर्ड्स जिले के उच्च अधिकारियों के ऑफिस में मौजूद रहता है, जिसे हिस्ट्रीशीट कहते हैं।
जिले या राज्य में जब कोई बड़ी घटना घटती है तो अपराधियों के पुराने रिकॉर्ड्स को खंगाला जाता है, हर थाना अपराधियों के पुराने रिकॉर्ड्स को जिले के उच्च अधिकारियों को भेजा जाता है, उच्च अधिकारी अपने विवेक के आधार पर और पुराने रिकॉर्ड्स को देखते हुए उस अपराधी का पुराना रिकॉर्ड्स खोल देते हैं, इसके लिए थाने में अपराधियों के पुराने इतिहास का विवरण लिख कर कोर्ट में पेश किया जाता है, साथ ही पुराने मामलों में कोर्ट के निर्णय को भी संलग्न किया जाता है, एक तरह से कोर्ट को बताया जाता है कि इस अपराधी पर दोबारा से अनुसंधान करने की जरूरत है।
किसी अपराधी की अगर हिस्ट्रीशीट बनती है तो इसका मतलब यह है कि जबतक वह अपराधी जिंदा है उसका नाम हिस्ट्रीशीट में रहेगा। हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद पुलिस उस शख्स पर नजर रखती है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इससे पहले फरीदाबाद जिले में 266 लोगों की हिस्ट्रीशीट खुली हुई है।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि फरीदाबाद पुलिस अपराधियों के खिलाफ एक से बढ़कर एक कार्रवाई कर रही है। अपराधियों की धरपकड़ लगातार जारी है अवैध हथियार रखने वाले और नशा तस्करों को जेल में भेजा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य है कि अपराधियों में भय हो और फरीदाबाद शहर में एक शांति का माहौल पैदा करना ताकि लोग पुलिस पर भरोसा करें और पुलिस पब्लिक का तालमेल अच्छा बना रहें।