Faridabad NCR
वर्चुअल लैब की उपयोगिता पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 5 जून। विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों को वर्चुअल लैब की उपयोगिता का अनुभव प्रदान करने के लिए जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली की वर्चुअल लैब्स के सहयोग से एक दिवसीय व्यावहारिक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का संचालन विश्वविद्यालय के कंप्यूटर सेंटर और डिजिटल अफेयर्स सेल द्वारा आईआईटी, दिल्ली के विशेषज्ञ के तकनीकी सहयोग द्वारा किया गया। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के सभी डीन और अध्यक्षों, संकाय सदस्यों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों सहित 1200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का मुख्य केन्द्र विज्ञान और इंजीनियरिंग के विभिन्न विषयों में वर्चुअल लैब की उपयोगिता पर रहा।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की और विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि किसी भी परिस्थिति में पढ़ाई को रोका नहीं किया जा सकता। कोरोना महामारी केे बावजूद विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि वर्चुअल लैब की मदद से छात्र अब ऐसे प्रयोग कर सकते हैं, जो घर पर लैब सुविधाएं न मिल पाने के कारण नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने कहा कि रिमोट एक्सपेरिमेंट के माध्यम से उन्हें बुनियादी और उन्नत अवधारणाओं को जानने और सीखने में मदद मिलेगी। कुलपति ने रिमोट लर्निंग (दूरस्थ शिक्षा) को बढ़ावा देने के लिए ऐसी कार्यशालाओं के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय कंप्यूटर केंद्र और डिजिटल अफेयर प्रकोष्ठ के प्रयासों की भी सराहना की।
सत्र को संबोधित करते हुए कुलसचिव डॉ. सुनील गर्ग ने सैद्धांतिक अवधारणाओं के व्यावहारिक कार्यान्वयन पर बल दिया और कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों और संकायों के लिए इस तरह की पहल आगे भी जारी रखेगा। इस अवसर पर कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डाॅ. कोमल भाटिया भी उपस्थित थे।
कंप्यूटर सेंटर और डिजिटल अफेयर सेल की निदेशक डॉ. नीलम दुहन ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसी डिजिटल पहलों को बढ़ावा दे रहा है ताकि विद्यार्थी वेब संसाधनों, वीडियो व्याख्यान, एनिमेटेड डेमोंस्ट्रेशन और सेल्फ असेसमेंट जैसे उपकरणों का लाभ उठा सके। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण विद्यार्थी विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं का उपयोग नहीं कर पा रहे है। ऐसे में इस तरह की पहल विद्यार्थियों के व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ाने में उपयोगी हो सकती है। वर्चुअल लैब्स के नोडल समन्वयक डॉ ललित मोहन गोयल ने कार्यशाला के मुख्य उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। तकनीकी सत्र में वर्चुअल लैब्स, आईआईटी दिल्ली से कार्यशाला के प्रमुख वक्ताओं तन्मय दास, प्रतीक शर्मा और शिवम सुंदरम ने सभी प्रतिभागियों को वर्चुअल लैब की अवधारणा पर विस्तार से जानकारी दी। सत्र के अंत में डॉ. दीपिका पुंज ने कार्यशाला के विशेषज्ञ वक्ताओं का धन्यवाद किया।