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Faridabad NCR

रेहड़ी फड़ी वालों के लिए वरदान साबित हो रही है सरकार द्वारा दी जा रही 10 हजार बिना ब्याज की राशि

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 22 जून। हरियाणा सरकार की रेहड़ी फड़ी वालों के लिए को रोजगार चलाने के लिए ₹10 हजार रुपये की धनराशि ऋण के रूप बिना ब्याज के दिलवाने पर रेहडी फड़ी वालों के लिए वरदान साबित हो रही है। रेहड़ियों के माध्यम से स्वरोजगार करके अपना जीवन यापन बेहतर तरीके से चलाने में पूंजीपतियों और साहुकारों से निजात दिलाने में सरकार की यह योजना कारगर सिद्ध हो रही है।
फ्रूट की रेडी का संचालन करने वाली माया देवी ने बताया कि सरकार की इस योजना से कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान आर्थिक मंदी की बदौलत से में काम न मिलने के कारण आर्थिक मंदी की मार में यह सहायता राशि हमारे जैसे गरीब परिवार के लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। अब हम आसानी से दिनभर का फ्रुट नकद में खरीद कर लोगों में बेचकर अपने परिवार का अच्छी प्रकार से पालन पोषण कर रहे हैं और बैंक में भी किस्त की राशि भी नियमित रूप में दी जाने वाली राशि को निर्धारित समय पर जमा करवा रहे हैं।
इसी प्रकार कमलेश लाहोरिया जोकि चाय की दुकान  अपनी खुद रेहड़ी पर चलाती है। वह बताती है कि मैं सारा सामान दूध, चीनी, गैस सिलेंडर तथा चाय के साथ खाने के लिए दिया जाने वाला बिस्कुट, नमकीन अआदि सारा सामान नकद में लाती हूं।मेरा सरकार की इस योजना से पूंजीपतियों और साहुकारों के कर्ज से पिंडा/छुटकारा मिल गया है और मेरा कार्य अब अच्छी तरह से चल रहा है। जिसे मैं अपने परिवार का पूर्ण रुप से पालन पोषण करने में समर्थ हो रही हूं और बैंक की किस्तों की अदायगी भी नियमित रूप से पेय कर रही हूँ। कचोरी की रेहड़ी चलाने वाले लखन बृजवासी कचोरी भंडार वाले लखन ने बताया कि सरकार की गरीब परिवार के लिए लिए/ रेहड़ी फड़ी वालों के लिए ऋण राशि हमारे जैसे गरीब परिवारों के लिए कारगर साबित हो रही है। रेहड़ी पर आने वाला सारा सामान हम नकद राशि नकद राशि देकर ला रहे हैं। इसमें हम अपने परिवार का भरपूर पालन पोषण करने के साथ-साथ बैंक की किस्तें भी नियमित समय पर जमा जमा करवा रहे हैं। सरकार की इस पॉलिसी से हमारे गरीब परिवारों के लिए सामाजिक और आर्थिक उत्थान में काबिले तारीफ योजना सिद्ध हो रही है।
यह केन्द्र सरकार की शहरी क्षेत्र की स्कीम है, जो कि गरीब परिवारों की उद्येश्यों की पूर्ति के लिए और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा चालू की गई है।
इस ऋण के तहत 10 हजार रूपये की धनराशि तक की कार्यशील पूंजी की सहायता दिया जाता है। इस योजना के तहत नियमित पुनः भुगतान को प्रोत्साहित करना और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है।
इस स्कीम से पथ रेहड़ी विक्रेताओं को बैंक लेनदेन के लिए परिचित होने में मदद मिलेगी और इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियाँ बढाने के लिए नए अवसर प्राप्त होंगे। शहरी पथ रेहड़ी विक्रेता एक वर्ष की अवधि के लिए रु.10 हजार रुपये तक के कार्यकारी पूंजी (डब्ल्यूसी) ऋण प्राप्त करने और ऋण वापसी मासिक किस्तों में करने के पात्र होंगे। इस ऋण के लिए कोई कोलेट्रल नहीं लिया जाएगा।
समय पर या जल्द ऋण वापसी करने पर विक्रेता संवर्धित सीमा वाले अगले कार्यकारी पूंजी ऋण के पात्र होंगे। निर्धारित तिथि से पूर्व ऋण वापसी करने पर विक्रेताओं पर कोई पूर्व भुगतान जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
इस स्कीम के अंतर्गत ऋण प्राप्त करने वाले विक्रेता, 7 प्रतिशत की दर पर ब्याज सब्सिडी के पात्र होंगे। ब्याज सब्सिडी की राशि उधारकर्ता के खाते में त्रैमासिक रूप से जमा की जाएगी। ऋणदाता प्रत्येक वित्त वर्ष के दौरान 30 जून, 30 सितम्बर, 31 दिसम्बर और 31 मार्च को समाप्त होने वाली तिमाहियों के लिए ब्याज सब्सिडी के दावे त्रैमासिक रूप से प्रस्तुत करेंगे। उन्ही उधारकर्ता के खातों के सम्बन्ध में सब्सिडी पर विचार किया जाएगा जो सम्बंधित दावों की तिथि को मानक (वर्तमान आरबीआई दिशानिर्देशों के अनुसार गैर – एनपीए हैं और उन महीनों के दौरान जब सम्बंधित तिमाही में खाता मानक बना रहा हो।
यह स्कीम कैश बैक सुविधा के माध्यम से विक्रेताओं द्वारा डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करेगी।  इस तरह से किया गया लेनदेन उनकी भविष्य की ऋण जरूरतों को बढाने के लिए विक्रेताओं के क्रेडिट स्कोर का सृजन करेगा। पे-टीएम, गूगल पे, भारत पे, अमेज़न पे, फ़ोन पे आदि जैसे डिजिटल पेमेंट एग्रेगेटर्स और ऋण प्रदाता संस्थाओं के नेटवर्क का उपयोग ऑनबोर्ड पथ विक्रेताओं के डिजिटल लेनदेनों के लिए किया जाएगा। ऑनबोर्ड विक्रेताओं को सरकार द्वारा जारी हिदायतो के मानदंडों के अनुसार 50 रूपये, 100 रूपये की रेंज में मासिक नकदी वापसी का प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रति माह 50 रुपये योग्य लेनदेन पर, माह अगले 50 अतिरिक्त योग्य लेनदेन पर 25 रुपये यानी की 100 रुपये के योग्य लेनदेन करने पर वेंडर को रु.75 रुपये प्राप्त होंगे।
एलडीएम ने आगे बताया कि प्रति माह उससे आगे 100 रुपये अतिरिक्त योग्य लेनदेन पर 25 रुपये यानी की 200 योग्य लेनदेन करने पर वेंडर को 100 रुपये प्राप्त होंगे।
ये पथ रेहड़ी विक्रेता शहर में रहने वाले लोगों के घरों तक किफायती दरों पर वस्तुएं और सेवाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इन पथ रेहड़ी विक्रेताओं को भिन्न-भिन्न क्षेत्रों/सन्दर्भ में वेंडर, खोमचे वाले, ठेले वाले और रेहड़ी वाले इत्यादि नामों से जाना जाता हैं। इन पथ विक्रेताओं द्वारा बेचीं जाने वाली वस्तुओं में सब्जियां, फल, तैयार स्ट्रीट फ़ूड, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, वस्त्र, परिधान, जूते-चप्पल, शिल्प से बने सामान, किताबें/लेखन सामग्री आदि शामिल होती हैं। इन सेवाओं में नाइ की दुकाने, मोची, पान की दुकानें, लांड्री सेवाएं इत्यादि शामिल हैं।
कोविड-19 वैश्विक महामारी और लगातार बढ़ते हुए लॉक डाउन से पथ रेहड़ी विक्रेताओं की आजीविका पर बुरा प्रभाव पड़ा है। ये लोग प्रायः कम पूंजी से कार्य करते हैं और लॉक डाउन के दौरान शायद इनकी पूंजी समाप्त हो गयी होगी। इसलिए, इन पथ रेहड़ी विक्रेताओं को अपना काम फिर से शुरू करने के लिए कार्यशील पूंजी (वोर्किंग कैपिटल) के लिए ऋण की अति आवश्यकता है।

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