Faridabad NCR
स्वास्थ्य विभाग कर रहा है गत 11 जुलाई से आगामी 24 जुलाई तक “जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े” का आयोजन : डाँ रणदीप पूनियां
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj :15 जुलाई। मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डाँ रणदीप पूनियां ने बताया कि जिला में स्वास्थ्य विभाग द्वारा गत 11 जुलाई से आगामी 24 जुलाई तक जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़े का आयोजन कर रहा है। जिसमे आम-जन को बढ़ती जनसंख्या के दुष्प्रभाव और नियंत्रण के उपायों के बारे में जागरूक करा जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनसंख्या को नियंत्रित करने का कार्य केवल सरकार का ही नहीं है, बल्कि हम सबकी भागीदारी जरूरी है। इसके अलावा सबसे अधिक जिम्मेदारी आज की युवा पीढ़ी की है जो कि भारत का भविष्य तय करेगी। जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आज के युवा दम्पत्ति यदि जिम्मेदारी से परिवार को नियोजित करें तो जनसंख्या वृद्धि पर लगाम संभव है। उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात डॉक्टर परिवार नियोजन के विभिन्न स्थायी-अस्थायी उपायों-जैसे सहेली, अंतरा, कापर-टी, निरोध आदि के बारे में परामर्श हेतु उपलब्ध है व चुने हुए साधन को अपनाने में भी मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नागरिक हस्पताल (बीके) और एफआरयू सेक्टर- 3 व सैक्टर- 31 तथा बल्लभगढ़ स्थित नागरिक हस्पताल में इस दौरान परिवार नियोजन के स्थायी उपायों हेतु कैम्प भी आयोजित किया जा रहा है।
जनसंख्या नियंत्रण जागरुकता पखवाड़े के नोडल अधिकारी डाँ हरीश कुमार आर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा जारी हिदायतो के अनुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुरुष नसबंदी अपनाने पर 2000 रुपये की धनराशि प्रसवोपरांत नलबंदी पर 2200 रुपये की धनराशि, महिला नलबंदी पर 1400 रुपये की धनराशि, अंतरा इन्जेक्शन लगवाने पर 100 रुपये, गर्भपात व प्रसव उपरांत कापर-टी लगवाने पर सरकार 300 रुपये की धनराशि प्रोत्साहन राशि भी देती है। साथ ही घर से लाने-ले जाने की अम्बुलेंस सुविधा भी उपलब्ध है। इसके लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क किया जा सकता है।
डाँ हरीश आर्य ने बताया कि सन 1950 में दुनिया की आबादी लगभग ढाई अरब थी। जो सत्तर सालों बाद आज लगभग 7.5 अरब है। जो कि 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। इसी अंतराल में भारत की आबादी लगभग 35 करोड़ से बढ़ कर 135 करोड़ हो गई है जो की लगभग 400 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद जिला की आबादी भी मात्र 30 वर्ष में दोगुनी हो चुकी है। अतः भारत की जनसंख्या वृद्धि की गति दुनिया की औसत गति से अधिक है। भारत वर्ष के प्राकृतिक संसाधन और भूमि सीमित है। अतः आबादी को भी सीमित करना आवश्यक है। ताकि वर्तमान आबादी और भावी पीढ़ी के लिए समुचित भोजन, जल, आवास और रोजगार की व्यवस्था हो सके।