Connect with us

Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय से डाॅ. नीलम दूहन को मिला सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार

Published

on

Spread the love
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 6 सितम्बर। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीलम दुहन को एआईसीटीई के विश्वेश्वरैया सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार-2021 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली डॉ. नीलम दुहन हरियाणा की एकमात्र शिक्षिका हैं।
एआईसीटीई विश्वेश्वरैया सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्रदर्शन और नवाचारों को बढ़ावा देने वाले शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने के लिए प्रदान किया जाता है ताकि वे वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा की लगातार बदलती जरूरतों के अनुरूप खुद को अपडेट रख सकें और शिक्षा में अपना प्रभावी योगदान दे सकें।
डॉ. दुहान इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पुरस्कार प्राप्त करने वाले देश भर के उन 17 शिक्षकों में शामिल हैं, जिन्हें शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक पुरस्कार समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया है। इस पुरस्कार में एक पदक और उत्कृष्टता प्रमाण पत्र के साथ 25,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने डॉ. नीलम दुहन को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए बधाई दी है। डॉ. दुहान को मेहनती, प्रतिभाशाली और अभिवन शिक्षिका बताते हुए कुलपति ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार प्राप्त कर डॉ. नीलम दुहन ने विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है तथा अन्य शिक्षकों के लिए आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है जो आने वाले दिनों में अन्य शिक्षकों को भी प्रेरित करेगा। कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के अध्यक्ष डाॅ कोमल कुमार भाटिया ने भी डॉ. दुहन को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी है।
डॉ. नीलम दुहन को अध्यापन, अनुसंधान, शैक्षणिक एवं प्रशासनिक जिम्मेदारियों का 18 वर्षों का अनुभव है। उनके 100 से अधिक शोध प्रकाशन प्रतिष्ठित शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। डॉ. दुहान विश्वविद्यालय में कंप्यूटर सेंटर एवं डिजिटल मामलों की निदेशक हैं तथा विश्वविद्यालय में डिजिटल गुणवत्ता को प्रोत्साहन देने में उनका अहम योगदान रहा है। विश्वविद्यालय में उन्होंने टीईक्यूआईपी-3 परियोजना और रूसा योजना के कार्यान्वयन में सक्रिय भागीदारी निभाई है। डाॅ दूहन विश्वविद्यालय में स्वयं, मूक्स, आईआईआरएस-इसरो आउटरीच सेंटर तथा वर्चुअल लैब इत्यादि के सफल क्रियान्वयन में नोडल अधिकारी के रूप में भूमिका निभा रही है।
Continue Reading

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com