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स्वामी नरेंद्र गिरी का निधन आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति : स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : सूरजकुंड रोड स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम (सिद्धदाता आश्रम) के अधिष्ठाता श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी जी महाराज के असमय निधन को संत समाज की अपूरणीय क्षति बताया है।

उन्होंने कहा कि दिवंगत नरेंद्र गिरी संपूर्ण संत समाज का ख्याल रखते थे और संतों की लड़ाई को अपनी इज्जत बना लेते थे। उनके इस तरह चले जाने को कोई भी विश्वास नहीं कर सकता है। वास्तव में उनके अध्यक्ष रहते हुए चारों कुंभ के बेहतर संयोजन में उनकी प्रमुख भूमिका थी। स्वामी जी ने कहा कि नरेंद्र गिरी हंसमुख स्वभाव के संत थे और हमेशा ही प्रसन्नता के साथ ही मिलते थे।

जगदगुरु स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि इस मामले की गहन जांच कर स्पष्टता करें जिससे संत समाज में फैले इस कोहरे का निदान हो सके।

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