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पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर विशेष

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : एकात्म मानववाद जैसी विचारधारा और अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज 105वीं जयंती है। ठीक आठ दिन पहले यानी 17 सितंबर को उस व्यक्तित्व का 71वां अवतरण दिवस था, जो वर्तमान में प्रधानमंत्री के रूप में पंडित दीनदयाल के सपनों को पूरा करते हुए देश को सशक्त बनाने में लगे हैं। इस लेख में भी पंडित दीनदयाल के सपनों के भारत तथा उनके कदमों पर चलते हुए युवाओं में राष्ट्रवाद की भावना भरने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए विकास कार्यों का उल्लेख कर शब्दों से वर्तमान भारत की तस्वीर खींचने की कोशिश की है। जिसमें आर्थिक सुधारों के ठोस प्रयास भी दिखाई देते हैं।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के नगला चंद्रभान ग्राम में 25 सितंबर 1916 को जन्में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जब अपनी स्नातक स्तर की शिक्षा हासिल कर रहे थे, उसी वक्त वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संपर्क में आये और वह आरएसएस के प्रचारक बन गये थे। हालांकि प्रचारक बनने से पहले उन्होंने 1939 और 1942 में संघ की शिक्षा का प्रशिक्षण लिया था और इस प्रशिक्षण के बाद ही उन्हें प्रचारक बनाया गया था। वर्ष 1951 में भारतीय जनसंघ की नींव रखी गई थी और इस पार्टी को बनाने का पूरा कार्य उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर किया था। भारतीय राजनीति में ”एकात्म मानववाद के दर्शन को प्रस्तुत करने वाले उपाध्याय का मानना था कि हिन्दू कोई धर्म या संप्रदाय नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय संस्कृति हैं। भारतीय जनता पार्टी आज भी उनके विचारों का अनुसरण करती है और हर वर्ष उनकी जयंती को व्यापक स्तर पर मनाती है। पंडित जी शुरू से ही नरेंद्र मोदी के वैचारिक मार्गदर्शक और नैतिक प्रेरणा स्रोत रहे। यही कारण है कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश भर में उनके नाम से अनेक ऐसी योजनाएं भी चलाई, जो गरीबों का जीवन बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
दीनदयाल अंत्योदय योजना की शुरुआत भारत सरकार द्वारा देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के गरीबों को कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए की गई है। इस योजना के अंतर्गत कौशल विकास और आजीविका के अवसरों में वृद्धि कर गरीब लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर उनकी गरीबी को दूर किया जा रहा है। यह योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का एकीकरण है। दीन दयाल अंत्योदय योजना को आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के तहत शुरू किया गया था। भारत सरकार ने इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
ऐसे ही दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना पूरे ग्रामीण भारत को निरंतर बिजली की आपूर्ति प्रदान करने के लिए बनाई गई है। यह योजना नवंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की थी। दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का लक्ष्य गरीब इसके बाद ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में नियमित रूप से न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे ऊपर मासिक मजदूरी प्रदान करने के लक्ष्य से शुरू की गई है। यह ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलों में से एक है।
दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम में भी मोदी का विजन दिखाई देता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले साल में ही 16 अक्टूबर 2014 को इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी। यह देश में औद्योगिक विकास हेतु अनुकूल माहौल तैयार करने और श्रमिकों की दशा सुधारने के लिए शुरू किया गया था। इस  योजना के तहत भविष्य निधि के सभी सदस्यों को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर जारी करने की घोषणा की गई है। इसके अलावा दीनदयाल उपाध्याय स्वनियोजन योजना उन लोगों को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जो स्वरोजगार यानि सेल्फ एम्प्लोयीमेंट चाहते हैं। कई लोग नौकरियों में सटीक नहीं बैठ पाते इस वजह से सरकार ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए इस योजना की शुरुआत की। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2016 में लॉन्च की थी।
केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई उक्त योजनाओं के बाद बीजेपी की राज्य सरकारें भी कहां पीछे रहने वाली थी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर बीजेपी शासित राज्य सरकारों ने भी अनेक योजनाओं  की शुरुआत कर राष्ट्र की उन्नति का सपना देखने वाले अपने नेता को श्रद्धांजलि दी है। इसमें पंडित दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना, दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना, पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वयं योजना, दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना, दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम -स्टे) विकास योजना, दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना, दीनदयाल उपाध्याय रसोई योजना, दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना आदि शामिल है।
कुछ समय पहले तक देश भर में केवल 30% श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी गारंटी योजना के तहत कवर किया गया था, लेकिन नरेंद्र मोदी ने असंगठित क्षेत्र के सभी उद्योगों के श्रमिकों तक इसका विस्तार करने के प्रयास शुरू कर एक नई इबारत लिखना शुरू किया है।
आजादी के अनेक दशकों तक कांग्रेस सरकारों में किसान और श्रमिक के नाम पर खूब नारे लगे, बड़े-बड़े घोषणा पत्र लिखे गए, लेकिन समय की कसौटी ने सिद्ध कर दिया है कि कांग्रेस सरकारों की वो सारी बातें कितनी खोखली थीं, सिर्फ नारें थे। कांग्रेस सरकारें भी वादों और कानूनों का एक जटिल जाल बनाती थी जिसे किसान या मजदूर कभी समझ नहीं सके, लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इस स्थिति को बदलने की लगातार कोशिश की है और किसानों, गरीबों के कल्याण के लिए सुधार पेश किए हैं। भारत को एक देश और समाज के रूप में बेहतर बनाने के लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय के योगदान ने पीढ़ियों को प्रेरित किया है तो नरेंद्र मोदी ने पंडित जी के दिखाए मार्ग पर चलकर न केवल देश के विकास को नई सोच के साथ गति दी है, बल्कि दुनिया में भारत को अग्रणी देशों में सुमार किया है।

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