Faridabad NCR
जागृति रामलीला कमेटी द्वारा रंगमंचीय के चौथे हुआ सीता स्वयंवर
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 6 अक्टूबर। भगवान राम द्वारा धनुष तोडऩे पर जनक नंदिनी सीता श्रीराम के गले में जयमाल डालकर उनका वरण करती हैं। इस आनंदोत्सव के समय दर्शकों ने राम और सीता पर फूलों की वर्षा करते हुए जयकारे लगाए। सीता के स्वयंवर में देश भर के राजा, महाराजा, राजकुमार और योद्धा शामिल हुए। सभी ने शिव धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन वे इसे हिला तक नहीं सके। अंत में महर्षि विश्वामित्र की आज्ञा से राम उठे और धनुष को उठाकर जैसे ही प्रत्यंचा चढ़ाने की कोशिश की धनुष टूट गया। धनुष टूटने और राम के गले में सीता के वरमाला डालते ही देवताओं ने फूलों की वर्षा की। भगवान राम का किरदार अनिल भाटिया ने निभाया।
यह दृश्य था जागृति रामलीला कमेटी, 2 ई-पार्क द्वारा रंगमंचीय रामलीला के चौथे दिन मंगलवार रात हुए सीता स्वयंवर। तालियों से दर्शकों ने कलाकारों का उत्साह वर्धन किया। भावविभोर दर्शकों ने फूलों की वर्षा के बीच श्री सीता-राम के जयकारों से भगवान का वंदन किया।
इस अवसर पर अतिथियों के रूप में पूर्व पार्षद नरेश गोसाईं, बन्नूवाल बिरादरी के प्रधान राजेश भाटिया, दिनेश लूथरा, रविंदर लूथरा, विकेश भाटिया, अर्वेश भाटिया, गुरुद्वारा उतली तोची के प्रधान जीत सिंह भाटिया, प्रदीप रकथी, बरकत सिंह भाटिया, अजयनाथ, जवाहर कालोनी से रवि कपूर, फाउंडेशन अंगेस्ट थैलेसीमिया के प्रधान हरीश रतड़ा, प्रदीप झांब उपस्थित रहे जिनका जागृति रामलीला कमेटी के प्रधान योगेश भाटिया व मोहन सिंह भाटिया ने बुके देकर सम्मानित किया।
रामलीला के संचालन डायरेक्टर ओमप्रकाश तथा प्रदीप ने बताया कि रामलीला का मंचन 14 अक्टूबर तक किया जाएगा, जिसमें 6 को राम वनवास, 7 को भरत विलाप, 8 को सीता हरण, 9 को हनुमान मिलन व बाली वध, 10 को लंका दहन, 11 को अंगद संवाद, 12 को लक्ष्मण मूर्छा, 13 को कुम्भकर्ण-मेघनाथ वध तथा 14 अक्टूबर को रावण वध व भगवान श्रीराम के राजतिलक का मंचन किया जाएगा।