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‘मिसाइल वैज्ञानिक’ डॉ जी सतीश रेड्डी को मानद उपाधि से सम्मानित करेगा जे.सी. बोस विश्वविद्यालय

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 7 अक्टूबर। विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण विशिष्टता रखने वाले व्यक्तियों को सर्वोच्च सम्मान देने की महत्वपूर्ण पहल करते हुए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद दीक्षांत समारोह के उपलक्ष में मानद उपाधि प्रदान करने की एक नई परंपरा शुरू करने जा रहा है।
इस संबंध में विश्वविद्यालय ने दो विशिष्ट व्यक्तियों को पीएचडी की मानद उपाधि प्रदान करने का निर्णय लिया है। इनमें पहला नाम प्रतिष्ठित एयरोस्पेस वैज्ञानिक डॉ जी सतीश रेड्डी का है जोकि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष हैं, और दूसरे नाम फरीदाबाद के सफल उद्यमी एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री नवीन सूद का है। श्री सूद वी. जी. इंडस्ट्रीज, फरीदाबाद के चेयरमैन हैं तथा विश्वविद्यालय जोकि पहले वाईएमसीए इंजीनियरिंग संस्थान था, के पूर्व छात्र भी हैं। इन विशिष्ट व्यक्तियों को पीएचडी की मानद उपाधि हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय जोकि जो विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं, के द्वारा 8 अक्टूबर, 2021 को विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह के दौरान प्रदान की जायेगी।
इस आशय की जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी की मानद उपाधि असाधारण विशिष्ट व्यक्तियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और राज्य अथवा राष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक विकास, समाज या जीवन के किसी अन्य क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए मान्यता स्वरूप दिया जाने वाला सर्वोच्च शैक्षणिक सम्मान है।
भारत के रक्षा और वैज्ञानिक क्षेत्रों में डॉ. जी सतीश रेड्डी का नाम सम्मान से लिया जाता है। मिसाइल प्रणालियों में उनके अनुसंधान और विकास कार्य ने एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों और एवियोनिक्स जैसे क्षेत्रों में देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। डॉ. जी सतीश रेड्डी को स्वदेशी तकनीकों को विकसित करने उनकी सोच और क्षमता के लिए जाना जाता है। उन्होंने ऐसी प्रणालियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो एक मिसाइल को हाइपरसोनिक वेग से 300 किमी दूर एक उपग्रह तक ले जाती हैं। वह मिसाइलों और रणनीतिक प्रणालियों, लड़ाकू विमानों और मानव रहित हवाई रक्षा प्रणालियों, अंडरवाटर सिस्टम, रडार सिस्टम, रणनीतिक सामग्री, आयुध और भविष्य की प्रौद्योगिकियों से संबंधित रक्षा कार्यक्रमों का नेतृत्व कर रहे है। वह वैमानिकी विकास एजेंसी के महानिदेशक भी हैं, जिसने चौथी पीढ़ी के हल्के लड़ाकू विमान तेजस को विकसित किया है। डॉ जी सतीश रेड्डी को मिसाइल और एयरोस्पेस के क्षेत्रों में अनुसंधान तथा वायु रक्षा प्रणालियों के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास का नेतृत्व करने के लिए पीएचडी की मानद उपाधि प्रदान की जा रही है।
इसी तरह फरीदाबाद के प्रतिष्ठित उद्यमी श्री नवीन सूद वी. जी. इंडस्ट्रीज के चेयरमैन के रूप में एक ऐसी कंपनी का नेतृत्व कर रहे है, जोकि ऑटोमोटिव पार्ट्स और कंपोनेंट्स की एक अग्रणी आपूर्तिकर्ता कंपनी है। श्री सूद को उनकी व्यावसायिक नेतृत्व क्षमताओं के लिए जाना जाता है। उन्होंने एक छोटी सी विनिर्माण इकाई से शुरूआत करते हुए एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाली कंपनी को खड़ा किया है, जिसमें पांच हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है।
इसके अलावा, श्री नवीन सूद कई अन्य सामाजिक एवं परोपकारी गतिविधियां में भी लगे हुए है। फाउंडेशन अगेंस्ट थैलेसीमिया, खुशी एक एहसास जैसे सामाजिक धर्मार्थ ट्रस्ट के लिए उनका कार्य सराहनीय रहा है। श्री सूद वाईएमसीए माॅब एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं, जिसे 1985 में स्थापित किया गया था। बिजनेस लीडर के रूप में विश्व स्तरीय विनिर्माण कार्यों तथा परोपकारी गतिविधियों में उनके योगदान के लिए विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया जा रहा है।

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