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Faridabad NCR

छठे नवरात्रे पर महारानी वैष्णोदवी मंदिर में हुई मां कात्यायनी की पूजा, विधायक सीमा त्रिखा ने लगाई हाजिरी

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : महारानी वैष्णोदेवी मंदिर में छठे नवरात्रे पर भक्तों ने माँ कात्यायनी की भव्य पूजा अर्चना की। मंदिर में पहुंचे भक्तों ने हवन कुंड में अपनी आहूति दी तथा मां से अपने मन की मुराद मांगी। सुबह से ही मंदिर में भक्तों की लंबी-लंबी लाईन लगी थी और मां के दर्शनों के लिए घंटों अपनी बारी का इंतजार करते रहे। इस अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने सभी श्रद्धालुओं से कोरोना नियमों की पालना करने की अपील की तथा सोशल डिस्टेंस के साथ ही मंदिर में प्रवेश करने का आग्रह किया। भक्तों ने भी उनकी अपील पर ध्यान देते हुए सभी नियमों को माना और मां के दरबार में हाजिरी लगाई।
विधायक ने लगाई हाजिरी

छठे नवरात्रे पर बडख़ल विधानसभा क्षेत्र की भाजपा विधायक सीमा त्रिखा ने मां के दरबार में पहुंचकर हवन यज्ञ में आहुति डाली। मंदिर के प्रधान जगदीश भाटिया ने श्रीमति त्रिखा को माता रानी की चुनरी भेंट की तथा प्रसाद दिया। इस अवसर पर विधायक सीमा त्रिखा ने देश के अमन चैन की दुआएं मांगी तथा मां से अरदास की कि देश में सुख शांति बनी रही। इस अवसर पर विधायक के साथ उद्योगपति केसी लखानी, कांशीराम, विशंबरदास, आनंद मल्होत्रा, फकीरचंद कथूरिया, सुरेंद्र गेरा, अमित रावल तथा कई भक्त मौजूद थे।

मां कात्यायनी का बखान

इस अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने श्रद्धालुओं के समक्ष मां कात्यायनी की महिमा का बखान किया। उन्होंने बताया कि मां पार्वती ने महिषासुर का वध करने के लिए मां कात्यायनी का रूप धारण किया था। यह देवी पार्वती का सबसे हिंसक रूप था। इस रूप में देवी पार्वती को योद्धा देवी के रूप में जाना जाता है। धार्मिक गं्रथों के अनुसार देवी पार्वती का जन्म ऋषि कात्या के घर पर हुआ था। जिसके कारण ही देवी पार्वती के इस रूप को मां कात्यायनी के नाम से जाना जाता है। उनके चार भुजाओं में से दाएं हाथ में कमल का फूल और तलवार, तथा दाहिने हाथ को अभय और वर मुद्रा में रखती हैं। मां कात्यायनी का प्रिय भोग शहद व केसर है तथा मां का प्रिय रंग सोने के समान चमकने वाला सुनहरा रंग है। श्री भाटिया ने कहा कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां कात्यायनी से अपनी मुराद मांगता है, वह अवश्य पूर्ण होती है।

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