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Faridabad NCR

रामनवमी पर वैष्णोदेवी मंदिर में हुई मां सिद्धिदात्री की भव्य पूजा, श्रद्धालुओं ने किया कजंक पूजन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : फरीदाबाद स्थित महारानी वैष्णोदेवी मंदिर में रामनवमी के अवसर पर मां सिद्धिदात्री की भव्य पूजा अर्चना की गई। नवरात्रों के अंतिम दिन मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा और हर कोई हवन यज्ञ में आहुति डालने के लिए लाईन में लगा हुआ दिखाई दिया। इस अवसर पर सभी भक्तों ने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए मंदिर में पूजा अर्चना की। वहीं मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने सभी भक्तों को नवरात्रों व दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने मां सिद्धिदात्री की शक्तियों व अन्य मान्यतों को लेकर भक्तों को कई धार्मिक बातें बताई।

मां को पसंद है हलवा पूड़ी
इस अवसर पर श्री भाटिया ने बताया कि मां सिद्धिदात्री को शुद्ध देसी घी से बना हुआ हलवा पूडी पसंद है और भक्त उन्हें हलवा पूडी का ही भोग लगाते हैं। नवरात्रों के अंतिम दिन रामनवमी के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा कजंक पूजन किया जाता है। दुर्गा अष्टमी और रामनवमी के दिन घरों में कजंक पूजी जाती हैं। मां को गुलाबी रंग प्रिय है। इस अवसर पर उन्होंने मां की महिमा का बखान करते हुए कहा कि शक्ति की सर्वोच्च देवी माँ आदि-पराशक्ति, भगवान शिव के बाएं आधे भाग से सिद्धिदात्री के रूप में प्रकट हुईं। माँ सिद्धिदात्री अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करती हैं। यहां तक कि भगवान शिव ने भी देवी सिद्धिदात्री की सहायता से अपनी सभी सिद्धियां प्राप्त की थीं। माँ सिद्धिदात्री केवल मनुष्यों द्वारा ही नहीं बल्कि देव, गंधर्व, असुर, यक्ष और सिद्धों द्वारा भी पूजी जाती हैं। जब माँ सिद्धिदात्री शिव के बाएं आधे भाग से प्रकट हुईं, तब भगवान शिव को र्ध-नारीश्वर का नाम दिया गया। माँ सिद्धिदात्री कमल आसन पर विराजमान हैं। अत: जो भी भक्त सच्चे मन से मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हुए अपनी मुराद मांगता है, वह अवश्य पूर्ण होती है।

      

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