Faridabad NCR
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की स्टॉल पर बच्चों व महिलाओं के कौशल की कारीगिरी देखने को मिली
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 34 वां सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का ग्यारहवां दिन था। मेले के ग्यारहवें दिन हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद् के द्वारा लगाई गई स्टॉल पर अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की स्टॉल पर बच्चों व महिलाओं के कौशल की कारीगिरी देखने को मिली। जिन सामान को हम अक्सर व्यर्थ समझ कर फेंक देते हैं उसी सामान से बच्चों व महिलाओं के द्वारा सुंदर सुंदर व मनमोहक सामग्री बनाई गई है। यह सामग्री जिला नूंह, पलवल व झज्जर के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवार के बच्चे व महिलाओं के द्वारा निर्मित की गई है।
सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले के मुख्य प्रशासक विकास यादव, अतिरिक्त मेला प्रशासक दिलावर सिंह, मेला नोडल अधिकारी राजेश जून का हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की स्टॉल पर पहुंचने पर नोडल अधिकारी कमलेश शास्त्री ने स्वागत किया व गुरुग्राम रेंज के मंडल यह बाल कल्याण अधिकारी अमरनाथ नरवाल ने भी सूरजकुंड में लगी स्टॉल के बारे में विस्तृत जानकारी दी। मेला प्रशासक विकास यादव ने कहा की जहां मशीनों के द्वारा तरह-तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं उनसे कहीं सुंदर महिलाओं व बच्चों के द्वारा हाथ से की गई कारीगरी बहुत ही सराहनीय है। विकास यादव ने कहा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के द्वारा लगाई गई यह स्टॉल मेले की रौनक को बनाने में अच्छा खासा योगदान निभा रही है। सूरजकुंड में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के नोडल अधिकारी कमलेश शास्त्री ने बताया कि राज्य बाल कल्याण परिषद महिला एवं बाल विकास को लेकर बेहतर तरीके से काम कर रही है। इसी उद्देश्य के चलते यहां महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की स्टाल लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि धीरे धीरे लोगों का इन उत्पादों की तरफ रुझान बढ़ रहा है और साथ ही उम्मीद जताई कि परिषद की ओर से लगाए गए स्टॉल महिलाओं के स्वावलंबन के नजरिए से उपयोगी साबित होंगे। साथ ही बताया कि परिषद के मानद महासचिव कृष्ण ढुल के दिशा निर्देश व अथक प्रयास से परिषद दूसरी बार मेले में स्टाल लगा रहे हैं।
इस मौके पर सुंदरलाल खत्री जिला बाल कल्याण अधिकारी फरीदाबाद, जिला बाल कल्याण अधिकारी सुरेखा पलवल, कार्यक्रम सुपरवाइजर रामेश्वर रावत, आशा, कीर्ति, रजिया आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।