Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 05 दिसंबर। उपायुक्त जितेंद्र यादव ने कहा कि एनीमिया अर्थात शरीर में खून की कमी की समस्या का यदि समय रहते निदान न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है इसीलिए जरूरी है व लोग इसके लक्षणों व कारणों की पहचान कर समय रहते इसका इलाज करवाएं।
उपायुक्त जितेंद्र यादव ने कहा कि एनीमिया एक तरह की बिमारी है जो रक्त की कमी से पीडि़त व्यक्ति को शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं और हिमोग्लोबिन की कमी से होता है। हिमोग्लोबिन रक्त की कोशिकाओं के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई करने के लिए आवश्यक होता है। यह शरीर में आयरन की कमी से भी होता है। खून की कमी के लक्षण के बारे में उपायुक्त ने कहा कि यह सभी वर्ग के बच्चों एवं गर्भवत्ती महिलाओं में अधिक पाया जाता है, जिनको एनीमिया होने पर शारीरिक कमजोरी, थकान, सिर दर्द, चक्कर आना त्वचा का पीला होना, दिल की धडक़न का बढऩा, नाखुन और जीभ का सफेद होना आदि लक्षण दिखाई देते है। हिमोग्लोबिन की जांच भी करवानी चाहिए।
उपायुक्त ने कहा कि एनीमिया को दूर करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, सरसों, मैथी, बथुआ और गाजर चुकंदर आदि का सेवन करना चाहिए। इनके साथ भोजन में विटामिन-सी0 एवं ए0 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे नींबु, मौसमी, आवंला और संतरा आदि का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा घर में लोहे से बने बर्तन जैसे कढ़ाई का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेषत: लोहे की बनी कढ़ाई में हरी पत्तेदार सब्जी बनानी चाहिए। पत्तेदार, हरी सब्जी को पहले धोना चाहिए। उसके उपरांत काटना चाहिए। खाना खाने के बाद गुड़ या गुड़ से बनी चीजें जैसे टिक्ड़ी या तिल से बनी गुड़ की पट्टी अवश्य खानी चाहिए। आयरन की कमी होने पर बच्चों को आयरन की गोलियां खिलाई जा सकती है। आयरनयुक्त आहार व गोलियां खाने वाले को दूध का प्रयोग कम से कम दो घण्टे पहले या दो घण्टे बाद में करना चाहिए।