Faridabad NCR
जे.सी बोस विश्वविद्यालय के चार शिक्षकों की शोध परियोजनाएं अनुदान के लिए स्वीकृत
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj :10 दिसम्बर। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के चार संकाय सदस्यों का चयन हरियाणा राज्य विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा अनुसंधान अनुदान के लिए किया गया है तथा उनकी अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) परियोजनाओं के लिए 67 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है। हरियाणा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत संचालित परिषद् प्रदेश में विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहन के लिए वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं से अनुदान हेतु आवेदन आमंत्रित करती है जिसका उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के ऐसे नवीन अनुसंधान कार्यों को प्रोत्साहित देना है जोकि प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रासंगिकता रखते हो।
कुलपति श्री राज नेहरू ने संकाय सदस्यों को उनके शोध अनुदान के लिए चयन पर बधाई दी है और कहा है कि अनुदान निश्चित रूप से विश्वविद्यालय में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देगा और प्रदेश की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं को तकनीकी समाधान प्रदान करने में मददगार होगा। कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग ने भी चयनित संकाय सदस्यों को बधाई दी है। अनुदान के लिए चयनित संकाय सदस्यों को उनकी अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के लिए अगले तीन वर्षों में 14 से 18 लाख रुपये तक की अनुदान राशि प्रदान की जायेगी।
जिन संकाय सदस्यों को अनुदान के लिए चुना गया है, उनमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संजीव गोयल को स्वयं सहायता समूहों के लिए एक व्यवसाय मॉडल के रूप में उनकी शोध परियोजना हाथों से संचालित होने वाली कृषि अपशिष्ट ब्रिकेटिंग मशीन के डिजाइन और निर्माण के लिए 14 लाख रुपये अनुदान मिला है। इसी प्रकार, कैमिस्ट्री के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रवि कुमार को धातु कार्बनिक में शामिल आयोडीन का उपयोग करके कोविड-19 ड्रग के संश्लेषण पर उनकी परियोजना के लिए 18 लाख रुपये, फिजिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अनुराग गौड को ग्रामीण क्षेत्रों के सतत विकास के लिए ऊर्जा के रूप में पानी की बैटरी विकसित करने की परियोजना के लिए 17 लाख रुपये तथा फिजिक्स की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राशि गुप्ता को यांत्रिक कंपन से सीधे ऊर्जा ग्रहण करने वाले सतत स्व-चालित उपकरणों की रचना एवं हरित ऊर्जा उत्पादन पर केन्द्रित उनकी परियोजना के लिए 18 लाख रुपये की अनुदाश स्वीकृत हुई है।