Faridabad NCR
गीता के श्रवण मात्र से ही मनुष्य समझ सकता है जीवन जीने का उद्देश्य: कमलेश शास्त्री
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 13 दिसम्बर। पूरा भारतवर्ष आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी का अमृत महोत्सव 2021 का आयोजन कर रहा है। वहीं साथ साथ हरियाणा प्रदेश गीता जयंती महोत्सव का बड़ी धूमधाम से मना रहा है। हरियाणा के है कुरुक्षेत्र को धरती से ही श्री कृष्ण भगवान ने महाभारत के युद्ध के दौरान अर्जुन का मार्गदर्शक बनकर गीता का उपदेश दिया था। इसी मौके को खास बनाने के लिए गीता जयंती महोत्सव के दूसरे दिन हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की जिला शाखा फ़रीदाबाद स्थित बाल भवन में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। महोत्सव का शुभारंभ हवन यज्ञ द्वारा किया गया जिसका आयोजन मंझावली गुरकुल के आचार्य जय कुमार व गुरुकुल के विद्यार्थियों के सानिध्य में किया गया। जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव 2021 के मौके पर बाल भवन में बच्चों के ज्ञान, बुध्दि और विवेक को बढ़ावा देने के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता, निबंध लेखन, भाषण, पोस्टर व रंगोली प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बच्चों के द्वारा अपनी कला को बखूबी दिखाई गई। बच्चों ने अपने विचारों से महाभगवत पुराण गीता पर प्रकाश डाला। बच्चों ने बताया कि आज का दौर अतीत में वर्णित ऋषि मुनियों की वाणी को भूलते जा रहे हैं। गीता ही एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिससे मनुष्य एक नए रास्ते पर चलकर तरक्की को ओर अग्रसर हो सकता है। गीता ही एकमात्र वेदों का वेद व सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का सार है। इस भाषण प्रतियोगिता में कनिष्ठ वर्ग में विद्या निकेतन स्कूल की छात्रा आस्था ने प्रथम स्थान व वरिष्ठ वर्ग में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, एन आई टी के छात्र आफताब ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर जिला बाल कल्याण अधिकारी कमलेश शास्त्री ने अपने संबोधन में कहा कि गीता ना केवल एक ग्रंथ या पुस्तक नहीं बल्कि असल मायनों में संपूर्ण जीवन का सार है। भागवत गीता के श्रवण मात्र से ही मनुष्य अपने जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जा सकता है।गीता में वर्णित उपदेशों से मनुष्य बड़े आसानी से अपने अवगुणों व दोषों को त्याग कर अपने लक्ष्य को ओर अग्रसर हो सकता है। उन्होंने कहा कि आत्मा सदैव जीवित रहती है। पूरे जीवन काल में आत्मा अजर, अमर है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को गीता के सार और उपदेशों को जीवन में अपनाना चाहिए, इन सभी उपदेशों को जीवन में अपनाकर मनुष्य ना केवल देश, प्रदेश में बल्कि पूरे ब्रह्मांड में अपना नाम कमा सकता है।
इस अवसर पर मंझावली गुरुकुल से आचार्य सुमित शास्त्री, सोमदत्त शास्त्री, शिक्षा विभाग से निर्णायक मण्डल के रूप में भूमिका अदा कर रहे अध्यापक अगम तनेजा, गायत्री शर्मा, भाजपा से जिला सेवा प्रकोष्ठ से जिला संयोजक आशा भारद्वाज, बीडी कौशिक, बाल भवन का समस्त स्टाफ व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।