Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 13 दिसम्बर को एनआईटी एरिया से गुमशुदा 14 वर्षीय नाबालिग बच्चे की हत्या के मामले में क्राइम ब्रांच डीएलएफ ने इस वारदात के मुख्य आरोपी दशरथ को बिहार के बेगूसराय से गिरफ्तार कर 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।
इससे पहले थाना डबुआ प्रभारी महेंद्र पाठक और उनकी टीम ने इस वारदात में सीसीटीवी फुटेज की सहायता से ऑटो को चिन्हित किया गया। रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट के माध्यम से पुलिस टीम आरोपी ऑटो ड्राइवर उपेंद्र तक पहुची।पुलिस ने आरोपी ऑटो ड्राइवर उपेंद्र को काबू करके 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था।
बता दें कि दिनांक 13 दिसंबर की शायं को लापता हुए नाबालिक के पिता ने थाने मे दी अपनी शिकायत में बताया कि उसका बेटा लापता हो गया। उन्होंने बेटे को अपने स्तर पर ढूंढने की हर संभव कोशिश की लेकिन उन्हें अपने बेटे की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई। पिता लोकेन्द्र की शिकायत के आधार पर 14 दिसंबर को थाना डबुआ में मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू की गई।
पुलिस उपायुक्त नीतीश अग्रवाल ने प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि इस मुकदमे में थाना डबुआ पुलिस द्वारा आरोपी ऑटो ड्राइवर उपेंद्र को गिरफ्तार करने के पश्चात मुकदमे की जांच की जिम्मेवारी क्राइम ब्रांच डीएलएफ को सौंपी गई थी। पुलिस पूछताछ में आरोपी उपेंद्र ने बताया कि इस वारदात का मुख्य आरोपी दशरथ है जो मृतक बच्चे के दोस्त गौरव का पिता है। इसके पश्चात आरोपी ड्राइवर की निशानदेही पर नाबालिग का शव बरामद करके बीके अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया जिसके बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया। ऑटो ड्राइवर की सूचना के आधार पर दिनांक 20 दिसंबर को आरोपी दशरथ को बिहार के बेगूसराय से गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया।
पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी ने हत्या की वारदात को कबूल ते हुए बताया कि वह कैटरिंग का बिजनेस करता है तथा साथ में ही एनआईटी मार्केट में कचौड़ी की रेहड़ी लगाता है। आरोपी उपेंद्र दशरथ का साथी है और शादी में कैटरिंग का सामान ले जाने के लिए वह उपेंद्र का ऑटो प्रयोग करता था। आरोपी दशरथ ने बताया कि उसका एक लड़का और दो लड़कियां हैं। मृतक लड़का श्याम आरोपी दशरथ के बेटे गौरव का दोस्त था। श्याम अक्सर उनके घर और रेहड़ी पर आता था। आरोपी दशरथ को शक था कि वह उसकी लड़की के साथ छेड़छाड़ करता है। दशरथ ने श्याम को इसके लिए कई बार टोका भी था। 13 दिसंबर की शाम जब वह कैटरिंग का काम पूरा करके वापिस रेहड़ी पर आया तो उसे श्याम उन्हें अपनी रेहड़ी पर अपने बेटे गौरव के साथ खड़ा हुआ दिखाई दिया जिसे देखकर दशरथ को गुस्सा आ गया और उसने अपने साथी उपेंद्र के साथ मिलकर उसे जबरदस्ती ऑटो में बिठा लिया तथा खालसा मैरिज गार्डन के पीछे झाड़ियों में ले जाकर उसके हाथ बांध दिए तथा पत्थर से मारकर उसकी हत्या कर दी। पूछताछ पूरी होने के पश्चात कल दोनों आरोपियों को अदालत में दोबारा पेश करके जेल भेजा जाएगा।