Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : यातायात व्यवस्था में सुधार करने के लिए पुलिस कमिश्नर श्री विकास अरोड़ा ने डीसीपी ट्रैफिक और यातायात पुलिस को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे। जिस पर डीसीपी ट्रैफिक सुरेश कुमार, एसीपी ट्रैफिक पृथ्वी सिहं और एसएचओ दर्पण कुमार ने थाना यातायात में रोड सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन के प्रधान एस के शर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों एवं ऑटो यूनियन और ऑटो चालकों के साथ मीटिंग कर जाम से निजात दिलाने की कवायद शुरू की गई।
पुलिस प्रवक्ता सुबे सिंह ने बताया कि ऑटो चालकों की लापरवाही अथवा मनमानी के कारण शहर में अक्सर यातायात व्यवस्था की समस्या बनी रहती है। राष्ट्रीय राजमार्ग और शहर की प्रमुख सडक़ों के चौक चौराहों पर बेतरतीव खड़े होने वाले ऑटो के कारण जहां लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ इनकी वजह से आए दिन सडक़ दुर्घटनाएं भी हो रही है। समय-समय पर यातायात नियमों की पालना के लिए वाहन चालकों को ट्रैफिक पुलिस द्वारा जागरूक भी किया जाता है ताकि सड़क दुर्घटना में कमी लाई जा सके और यातायात व्यवस्था भी सुचारु रुप से चल सके। इसके बावजूद भी कई ऑटो चालक मनमानी करते हैं इसीलिए आए दिन यातायात पुलिस व स्थानीय पुलिस द्वारा इनके चालान भी किए जाते हैं।
फरीदाबाद शहर में रोजाना यात्रा करने वाले की संख्या की तादाद बहुत ज्यादा है जिसके चलते यातायात पुलिस द्वारा पूरी तरह से लगाम कसना भी मुश्किल हो जाता है। जिसका फायदा ऑटो चालकों द्वारा जमकर उठाया जा रहा है। शहर के लोगों को जाम से छुटकारा दिलवाने और सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए यातायात पुलिस ने सडक़ सुरक्षा संगठन के साथ मिल कर कवायद शुरू कर दी है। जिसके तहत शुक्रवार को यातायात थाना में यातायात पुलिस द्वारा ऑटो चालक यूनियन और आरएसओ की बैठक बुलाई गई थी जिसमें डीसीपी ट्रेफिक सुरेश कुमार ने जाम से छुटकारा दिलवाने के लिए एक सप्ताह के भीतर हाइवे पर कुछ ऑटो स्टैंड बनाने के आदेश दिये हैं। वहीं एक से डेढ़ महीने के भीतर सभी ऑटो की यूनिक आईडी तैयार की जाएगी। साथ ही डीसीपी ट्रेफिक ने ऑटो यूनियन के नाम पर आटो चालकों से अवैध उगाही को बंद करने के आदेश दिये हैं। अवैध उगाही करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी
शहर में ट्रैफिक जाम का मुख्य कारण है भारी संख्या में अवैध ऑटो। शहर की सडक़ों पर दौडऩे वाले ऑटों की संख्या करीब 35 हजार से ज्यादा है। इनमें करीब 50 प्रतिशत ऑटो डीजल से चलने वाले हैं। इनमें करीब आधे ऑटों दस साल से ज्यादा पुराने हो चुके हैं। जिनकी वजह से न केवल प्रदूषण बढ़ रहा है बल्कि सडक़ों पर जाम भी लगता है। लोगो को अपनी जान जोखिम में डाल कर इन्हीं ऑटों पर सवार होने को मजबूर होना पड़ता है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक दस साल से पुराने डीजल वाहनों को चलाने पर प्रतिबंध है। और काफी ऑटो इंपाउंड भी किए गए है। इस बैठक के दौरान डीसीपी ट्रेफिक सुरेश कुमार और एसीपी ट्रेफिक पृथ्वी सिंह एसएचओ ट्रैफिक दर्पण सिंह ने ऑटो यूनियनों के प्रधानों को दस साल पुराने हो चुके ऑटो की लिस्ट स्वैच्छा से पुलिस को सौंपने की गुजारिश की। ताकि पुराने वाहनों को सडक़ों से हटाया जा सके। इससे काफी हद तक लोगों को जाम से छुटकारा मिलेगा और शहर में प्रदूषण का स्तर भी कम होगा।
इस बैठक के दौरान डीसीपी ट्रेफिक सुरेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऑटो चालक जहां तहां ऑटो खड़े कर देते हैं। इसके अलावा हाइवे के सभी चौराहों पर हर समय ऑटों का जमावड़ा लगा रहता है। जिससे न केवल हाइवे पर जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है बल्कि सडक़ दुर्घटनाओं की सम्भावना भी बनी रहती है। सबसे ज्यादा बुरी स्थिति बल्लभगढ़ में होती है। जिस पर ऑटो यूनियनों के प्रधानों ने उन्हें बताया कि हाइवे पर ऑटो खड़े करने के लिए जगह सुनिश्चित नहीं है। यदि हाइवे पर चुनिंदा स्थानों पर स्टैंड बना दिये जाए तो उन्हें जगह जगह ऑटो खड़े नहीं करने पड़ेंगे। बल्लभगढ़ व्यापार मंडल के प्रधान प्रेम खट्टर ने बताया कि यहां ऑटो स्टैंड के लिए कई स्थान है। इन स्थानों पर ऑटो स्टैंड बनाए जा सकते हैं। जिस पर एसीपी पृथ्वी सिंह ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर हाइवे पर जगह चिन्ह्ति कर ऑटो खड़े करने के स्थान बना दिये जाएंगे। यदि इसके बाद भी ऑटो सडक़ों और चौराहों पर बेतरतीव नजर आए तो यातायात पुलिस द्वारा इनके चालान काटें जाएंगे।
ऑटो यूनियनों के साथ हुई बैठक में डीसीपी ट्रेफिक सुरेश कुमार ने कहा कि उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि यूनियनों के नाम पर ऑटो चालकों से 20-20 रुपये की वसूली की जाती है। उन्होंने कहा कि इस तरह की उगाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शहर में व्यवस्था बनाने के लिए प्रत्येक ऑटो की यूनिक आईडी बनाई जाएगी। जिससे यातायात पुलिस के पास शहर में चलने वाले ऑटो का पूरा डाटा एकत्रित हो जाएगा। जिसमें यूनियनों को सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि सडक़ पर यदि कोई वाहन यातायात नियम तोड़ता नजर आए तो ऑटो चालक फोटो खींच कर यातायात पुलिस को भेजें, उसका चालान काटा जाएगा। एसीपी ट्रेफिक पृथ्वी सिंह ने कहा कि यातायात नियमों का सही ढंग से पालन करने वाले चालकों को पुलिस द्वारा बैच जारी किया जाएगा। साथ ही उन्हें नगद पुरस्कार देने की योजना भी बनाई गई है। पृथ्वी सिंह ने बताया कि आरएसओ की एक एजुकेशन विंग का गठन किया गया है। यह विंग स्कूल, कॉलेजों के विद्यार्थियों और ऑटो चालकों को नियमों के प्रति जागरूक करेगा।
सडक़ सुरक्षा संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष एसके शर्मा ने कहा कि यातायात पुलिस और आरएसओ मिलकर शहर में यातायात व्यवस्था को दुरूस्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के तहत यह बैठक बुलाई गई थी। बैठक में ऑटो यूनियनों के साथ ही व्यापार मंडल, औद्योगिक संगठनों ने भी पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है। हाइवे और अन्य सडक़ों पर ऑटो खड़े करने के स्थान निर्धारित होने के बाद काफी हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा।