Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : वित्त मंत्री ने जो बजट पेश किया है, उसमें शिक्षा के क्षेत्र में कोई विशेष प्रावधान नहीं किए गए हैं। जबकि इस साल लगभग शिक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन 10 फीसदी तक बढ़ाने की आवश्यकता थी ताकि शिक्षा का क्षेत्र कोरोना में हुए नुक्सान से उबर सके परंतु एजुकेशन सेक्टर को बूस्ट देने के लिए इस बजट में की गई घोषणाएं नाकाफी साबित होंगी। हालांकि ई-विद्या को बढ़ावा देने के लिए जो घोषणाएं की गई हैं उससे ग्रामीण क्षेत्र लाभांवित होंगे तथा सरकारी शिक्षा तंत्र को मजबूूती मिलेगी परंतु प्राइवेट एजुकेशन सैक्टर भी बड़े स्तर पर राहत की उम्मीद लगाए बैठा था जोकि निराश हुआ है। देश में शिक्षा का इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत अधिक मजबूत नहीं है और कोरोना ने इसे और अधिक कमजोर कर दिया है। शिक्षा किसी भी देश का मजबूत स्तंभ होती है परंतु वित्त बजट में शिक्षा पर बहुत अधिक जोर नहीं दिया गया। हालांकि क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा देने केे निर्णय का हम स्वागत करते हैं। इसके अलावा डिजीटल युनिवर्सिटी भी एक अच्छी शुरुआत साबित होगी परंतु मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहुंगा कि शिक्षा के लिए यह बजट थोड़ा है जबकि ज्यादा की जरूरत थी।